लोक कल्याण के लिए है शारदीय नवरात्रा: मृत्युंजय
लोक कल्याण का नवरात्र है शारदीय नवरात्रा मृत्युंजय
गोड्डा : शारदीय नवरात्र रविवार को शुरू होने जा रहा है। पूरा माहौल भक्तिमय बन गया है। कलश स्थापना के साथ ही नवरात्र शुरू हो जायेगा। शारदीय नवरात्र के महत्व को बताते हुए शहर के रौतारा चौक के पंडित मृत्युंजय झा ने कहा कि शारदीय नवरात्र लोक कल्याण कि नवरात्रा है। इसे भगवान राम ने विजय प्राप्ति के लिए किया था। नवरात्र से सभी सांसरिक लोगों को सुख समृद्धि, धन दौलत, लक्ष्मी की प्राप्ति, पूत्र, पौत्रादि की प्राप्ति, विजय व किसी भी मनोकामना को लेकर जो किया जाता है पूरी होती है। नवरात्र में चंडी पाठ का विशेष महत्व है। भविष्य पुराण का एक श्लोक में दिया है कि जहां चंडी की पूजा होती है वहां न दुíभक्ष होता है न किसी प्रकार का शत्रु संकट होता है, न अकाल मृत्यु होती है। इस बार मां भगवती आगमन गज पर हो रहा है जो शुभ वृष्टिकारक है व शुभ फलदायी है, लेकिन प्रस्थान चरणआयुध है, मुर्गा पर हो रहा है। जो कि थोड़ा कष्टप्रद विकलयुक्त है अर्थात शुभ नहीं है। सप्तशती पाठ में व पूजा में कहा गया है। मां की आराधना जितने सात्विक भाव से किया जाय तो उतना अधिक फलदायी है। अर्थात किसी भी प्रकार तामस भोजन का वर्जन अनिवार्य है। इस दौरान साधकों को मांस, मछली, लहसून प्याज का त्याग करना चाहिए। कहा कि मां की पूजा में दिनरात संकीर्तन करते हुए पूजा करें या एक भी श्लोक का मंत्र जाप करते हुए मां कि पूजा करें। इससे मां प्रसन्न होती है। सांसरिक लोगों के लिए चंडी 12 वें अध्याय का तेरहवां श्लोक है। इसके पाठ मात्र से मां प्रसन्न होती है। जितना पाठ करें उतना लाभप्रद है। पाठ सुनने से भी पापों का नाश होता है और आरोग्यता की प्राप्ति व शत्रु संकट से मुक्ति मिलती है। सुनने का फल पढ़ने से ज्यादा है। पंडित मृत्युंजय झा ने कहा मां की पूजा अर्चना सभी प्रकार से शुभ फलदायी है। सप्तशती के हरेक श्लोक मां दुर्गा की शक्ति से पूरित है।