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मत्स्य पालकों को दो लाख रुपए तक मिलेगा कृषि लोन

राम मंदिर के निर्माण में हर संभव सहयोग दीपिका जासं गोड्डा महागामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि राम मंदिर बनेगा तो उसमें कोई हर्ज नहीं है। हर संभव सहयोग करेंगे लेकिन अभी मंदिर निर्माण के लिए उपयुक्त समय नहीं है। चीन भारत की सीमा में घुस आया है। कोरोना संक्रमण का दायरा लगातार बढ़ रहा है। देश में सामान्य मानवीय के लिए विपरित परिस्थितियां हैं। ऐसे समय में मंदिर शिलान्यास कर केंद्र सरकार लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है। कांग्रेस विधायक ने कहा कि भगवान राम सबों के हैं। उनके प्रति पूरे देश की जनता की गहरी आस्था है। गांव मुहल्ले में अगर मंदिर बनता है तो वहां भी सहयोग करते हैं ऐसे में राम मंदिर के लिए भी करेंगे। मसला सिर्फ समय का है। कांग्रेस पार्टी का जो भी निर्णय होगा उनके अनुरूप ही कार्य होंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 08:55 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 06:21 AM (IST)
मत्स्य पालकों को दो लाख रुपए तक मिलेगा कृषि लोन
मत्स्य पालकों को दो लाख रुपए तक मिलेगा कृषि लोन

गोड्डा : जिले के सैकड़ों मत्स्य पालक भी अब कृषि लोन से व्यवसाय कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे। मत्स्य पालकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार 2 लाख रुपए तक लोन मुहैया करा रही है। बीते वर्षाें की तुलना में में जिले में मत्स्य पालन की ओर किसानों की रुचि बढ़ रही है। गोड्डा में उत्पादित मछली की बिहार के समीपवर्ती जिलों में भी काफी डिमांड है। वहीं सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा मुहैया कराया है। जिससे मत्स्य पालक रोजगार को बढ़ा सकेंगे।

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लॉकडाउन के बाद लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभाग की ओर से मत्स्य पालकों के रोजगार को विस्तार देने की योजना है। मालूम हो कि इससे पहले जिले के सैकड़ों किसानों को दुधारू मवेशी पालकों को कृषि लोन से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा चुका है। मत्स्य पालन के लिए मिलें कृषि लोन में 7 फीसद तक ब्याज पर मिलेगा। लोन के बाद अगर यह समय पर लोन वापस करने पर चार प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा सकती है। सरकार समय समय पर किसानों के लिए नई स्कीम भी ला रही है। किसानों को समृद्ध बनाने के लिए लिए प्रेरित किया जा रहा है। सुविधा के लिए कई तरह के प्रावधान भी किए गए हैं। ताकि किसानों को आर्थिक मदद मिल सके और आगे भी कृषि लोन लेने में उन्हें अधिक परेशानी ना हो।

लॉकडाउन में किसानों को मत्स्य पालन करने की अनुमति नहीं दी गई थी। उन्हें तालाबों में जाने पर मनाही की गई थी। इससे भी मछली पालकों को रोजगार में नुकसान हुआ था। कुछ दिन बाद सरकार ने मत्स्य पालकों को कई तरह लाभ देने की बात भी कही थी।

ऐसे किसान भी लोन के लिए आवेदन कर सकेंगे जिन किसानों ने पहले से खेती के लिए कृषि लोन लिया है। उन्हे भी दो लाख रुपए तक का लोन उसी खाते में मिल सकेगा। इन सभी मछली पालकों को लोन देने के लिए अपने जिले के अधिकारी को आवेदन देना होगा।

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मत्स्य पालकों को कृषि लोन के लिए कुल 77 लोगों को अनुमति दी गई है। मत्स्य पालकों के सहयोग के लिए सरकार समय समय पर विविध योजनाएं ला रही है। इस कार्य में स्थानीय बैंक का सहयोग भी आवश्यक है। जिले में मत्स्य पालन के प्रति लोगों के रुझान में बढ़ोतरी हुई है।

- मरियम मुर्मू, जिला मत्स्य पदाधिकारी।


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