कोयले की गुणवत्ता बढ़ाने पर दिया जोर
ललमटिया ईसीएल की राजमहल परियोजना की ओर से इन दिनों गुणवत्ता जागरूकता पखवाड़ा कार्यक्रम
ललमटिया : ईसीएल की राजमहल परियोजना की ओर से इन दिनों गुणवत्ता जागरूकता पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत उच्च गुणवत्ता वाले कोयला उत्पादन को लेकर विभिन्न कार्यक्रम एवं जागरूकता अभियान शुरू किए गए हैं। इसके तहत क्वालिटी कंट्रोल विभाग के तहत जगह जगह बैनर-पोस्टर के साथ साथ ध्वनि विस्तारक यंत्र से माइकिग की जा रही है। वहीं अन्य गतिविधियों के माध्यम से कोयला के उत्पादन में गुणवत्ता को अहम स्थान देने पर जोर दिया जा रहा है। कस्टमर फर्स्ट, क्वालिटी मस्ट के स्लोगन को अपनाते हुए उत्पादन के दौरान कोयले में मिट्टी एवं पत्थर के अंश को चिन्हि्त करने को लेकर कामगारों को जागरूक रहने को कहा गया है।
गौरतलब हो कि वर्ष 2016 के बाद से एनटीपीसी द्वारा बेहतर कोयला नहीं दिए जाने पर शिकायत का सिलसिला शुरू किया गया था। इसको लेकर पूर्व में कई विवाद भी उठे। इसके बाद से कोयला में गुणवत्ता को प्रमुखता दिया जाने लगा। बेहतर गुणवत्ता वाले कोयले से एनटीपीसी को कम लागत पर विद्युत उत्पादन का अवसर प्राप्त होता है जिससे आम लोगों को कम दर पर बिजली की आपूर्ति हो पाती है। कोयला में गुणवत्ता को लेकर एनटीपीसी एवं कोयला कंपनियों में लगातार तकरार को दूर करने के लिए दोनों एजेंसियों के द्वारा थर्ड पार्टी सैंपलिग की शुरुआत की गई है। इसके तहत तीसरे पक्ष द्वारा कोयले की गुणवत्ता लैब में कोयले की उष्मीय क्षमता एवं ताप पर आधारित कर संधारित किया जाता है। जहां तक राजमहल परियोजना की बात है यहां जी -13 लेवल ग्रेड का कोयला उत्पादन किया जा रहा है। गुणवत्ता को लेकर शनिवार को ईसीएल मुख्यालय के क्वालिटी कंट्रोल विभाग के राजीव रंजन एवं आकाश श्रीवास्तव आदि अधिकारियों ने राजमहल परियोजना का दौरा किया एवं आरसीएमएल पैच, क्रेशर एवं सेलो पॉइंट आदि का निरीक्षण किया। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर कोयला के हैंडलिग के दौरान इसके गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही गई है। इसके पूर्व उनका महाप्रबंधक प्रभारी द्वारा स्वागत किया गया एवं सेलो पॉइंट पर क्षेत्रीय विपणन पदाधिकारी सेफर्ड मुर्मू, मैनेजर सतीश मुरारी सहित कई अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की गई।