जलग्रहण क्षेत्र में उतरा पानी, किसानों के चेहरे पर रौनक
जिदल पावर प्लांट को अधिग्रहित जमीन रैयतों को मिलेगी वापस जमीन अधिग्रहण के सात साल बाद उद्योग स्थापित नहीं होने पर जिले के 500 किसानों को उनकी जमीन वापस मिलेगी। इसमें से अधिकांश किसानों को मुआवजा भी मिल गया था। जाहिर है कि उन्हें दोहरा लाभ मिलने वाला है। वर्ष 2013 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गोड्डा के सुंदरपहाड़ी और सदर प्रखंड की निपनिया पंचायत की सीमा में जिस पावर प्लांट की आधारशिला रखी थी वह 7 साल बाद भी नहीं बन पाया है। पावर प्लांट के लिए कंपनी की ओर से कुल
गोड्डा : जिले में पिछले दो दिनों से मानसून की सक्रियता किसानों के चेहरे पर फिर से रौनक लौट आयी है। बीते कुछ दिनों से कमजोर मानसून के कारण किसानों की चिता बढ़ गयी थी लेकिन दो दिनों के वर्षा से अब जलग्रहण क्षेत्र में पानी उतर आया है। जिससे धनरोपनी के कार्य में तेजी आ गई है। अधिकतर नदियों में इस समय वर्षा का पानी जमा है जिसका फायदा किसान कृषि कार्य में लगा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर वर्षा के बाद से भी खेतों में भी धनरोपनी के लिए पानी जमा हो चुका है यहां तक अब अपलैंड भूमि में पानी किसानों को उपलब्ध हो चुका है जिससे कि किसान काफी उत्साहित है। कृषि विभाग के मिली जानकारी के अनुसार जिले में 40 फीसद रोपनी का काम पूरा हो चुका है। वहीं जुलाई माह में अबतक लगभग 175 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है पिछले चौबीस घंटा में ही लगभग 42 मिलीमीटर हुई है। यहां अमृत वर्षा किसानों के खरीफ फसल के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। यह वर्षा ऐसे समय में हो रही है जहां रोपनी के लिहाज से बेहद ही अहम है। जिसका भरपूर फायदा किसान उठा रहे हैं। किसान रामकिकर झा, पंकज कुमार, मुन्ना राय आदि ने कहा कि दो साल बाद किसानों के लिए परिस्थिति अनुकूल अबतक रही है, इससे किसान भी काफी खुश हैं कहा कि वे सदर प्रखंड से आते हैं लगभग आधा फसल की बुआई का कार्य हो चुका है खेतों में भी पानी है किसान उम्मीद भी यही कर रहे परिस्थिति भी ऐसी बनी रहे। कहा कि अगर हालात ऐसे बन रहे तो माह के अंत 80 फीसद रोपनी का कार्य पूरा हो सकता है। कोरोना संक्रमण काल में आम लोगों के साथ ही किसान व मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है। ऐसे में वर्षा होने से मजदूर के साथ ही प्रवासी मजदूर भी खुश दिख रहे है इसके साथ ही पशुपालक में भी खुशी देखी जा रही है।
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किसानों के लिए यह वर्षा अमृत है इसका फायदा किसानों को उठाना चाहिए 31 जुलाई तक बोई गई फसल बेहतर उत्पादन देती है। परिस्थिति कृषि के अनुकूल है। यह हालात बने रहे है तो अगले 15 दिन लक्ष्य के करीब पहुंच जायेंगे। इस वर्ष 51 हजार हेक्टेयर भूमि पर रोपनी का लक्ष्य विभाग ने रखा है।
सुनील कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, गोड्डा