इस अस्पताल में नौ वषरें से नहीं हुई डॉक्टर की तैनाती
गोड्डा जिला मुख्यालय के सुदूर क्षेत्रों में बसे एक गांव महागामा प्रखंड मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम-पंचायत परसा में एक मात्र अस्पताल जो सफेद हाथी का दाँत साबित हो रहा है। सरकार ने अस्पताल की स्वीकृति दी उसके बाद करीब 3 करोड़ की लागत भवन भी बना। दुर्भाग्य की बात यह है कि इन 9 वर्षों में सरकार द्वारा एक भी डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति इस अस्पताल में नही की गई
हनवारा : गोड्डा जिले के महागामा प्रखंड मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत परसा में एक मात्र अस्पताल इन दिनों सफेद हाथी साबित हो रहा है। बीते 9 वर्ष पूर्व सरकार ने यहां अस्पताल की स्वीकृति दी थी। उसके बाद करीब 3 करोड़ रुपये की लागत भवन भी बना। दुर्भाग्य की बात यह है कि इन 9 वर्षों में सरकार द्वारा एक भी डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति इस अस्पताल में नहीं की गई। यह अस्पताल मौजूदा सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था के दावे को मुंह चिढ़ा रहा है। गौरतलब हो कि 2010 में पिछड़ा क्षेत्र होने के नाते महागामा प्रखंड के परसा गांव में 3 करोड़ की लागत से अस्पताल बनाया गया था लेकिन डॉक्टरों के अभाव के कारण यह भूत बंगला में तब्दील हो गया है। ग्रामीण हासिम अख्तर, बाबर, औरंगजेब, रिया•ा अहमद, मनोज साह, गरीब दास ,अफजल, कामरान, आदि ने बताया कि यह अस्पताल वर्ष 2010 में ही 3 करोड़ रुपये की लागत से बनाकर तैयार हुआ। नौ साल गुजरने वाला है लेकिन अभी तक अस्पताल का उद्घाटन तक नहीं किया गया है। बिना उद्घाटन के ही स्वास्थ्य उपकेंद्र के एएनएम द्वारा यहां छोटी मोटी बीमारियों की दवाई दी जाती है। अस्पताल का सारा सामान रखरखाव के अभाव में बर्बाद हो रहा है। एक भी बल्ब, पंखा, खिड़की का शीशा तक नहीं बचा है, सब चोर चुरा कर ले भागे हैं। बिजली एवं पेयजल के सारे समान वहां लगाए गए थे लेकिन अस्पताल के हमेशा बंद रहने से सामान गायब हो गए। इस क्षेत्रों में एक मात्र परसा गांव का अस्पताल हैं। ग्रामीणों ने सरकार से अस्पताल में डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति की मांग की है।