हड़ताल को सफल बनाने के लिए बनाई रणनीति
- सरकार द्वारा कोयला जगत में सत प्रतिशत विदेशी विनिवेश के घोषणा के बाद अखिल भारतीय कोयला मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं ने इसका जमकर विरोध किया।
ललमटिया : सरकार की ओर से कोयला उद्योग में शत प्रतिशत विदेशी विनिवेश की घोषणा के बाद अधिकांश ट्रेड यूनियनों ने पूरे देश में इसका विरोध शुरू कर दिया है। सरकार की इस नीति के विरोध में अखिल भारतीय कोयला मजदूर संघ ने शुक्रवार बैठक कर आगामी 23 से 27 सितंबर तक पांच दिवसीय हड़ताल को सफल बनाने की रणनीति पर विचार विमर्श किया। राजमहल हाउस, उर्जा नगर में आयोजित यूनियन की बैठक में संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि सरकार कोयला जगत में शत-प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति देकर मजदूर हित की अनदेखी कर रही है । सरकार ने कोयला जगत में निजीकरण नीति लाकर मजदूरों पर आत्मघाती हमला किया है। अखिल भारतीय कोयला मजदूर संघ इसका पुरजोर विरोध करता है । उन्होंने कहा कि सरकार को शत प्रतिशत विदेशी निवेश को वापस लेना होगा। सरकार की इस नीति के विरोध में संघ ने 23 से 27 सितंबर तक पांच दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है। बैठक में ब्रजेंद्र राय, अंगद उपाध्याय, प्रवीण पंडित, मनीष कुमार, कैलाश मिश्रा, भीम चौधरी, संदीप कुमार, मुकेश वैद्य, प्रदीप कुमार, संजय कुमार, विष्णु विश्वकर्मा आदि उपस्थित थे।