अब घर बैठे ले सकेंगे बच्चों व स्कूल बस का लोकेशन
बच्चा स्कूल से निकला या नहीं, कहां है अब तक क्यों नहीं आया? कहीं ट्रैफिक जाम में तो नहीं
बच्चा स्कूल से निकला या नहीं, कहां है अब तक क्यों नहीं आया? कहीं ट्रैफिक जाम में तो नहीं फंस गया। इन सभी सवालों का जवाब अब आपको अपने घर बैठे ही मिल सकेगा। बस इसके लिए आपको अपने स्मार्ट फोन या मोबाइल को अपने पास रखना होगा। जिला प्रशासन ने जिले के सभी निजी विद्यालयों को अपने स्कूल बसों में ग्लोबल पोजिश¨नग सिस्टम (जीपीएस) व मोबेबुल सीसीटीवी कैमरा इंस्टाल करने को कहा है। जिससे स्कूल बसों व बच्चों की हर गतिविधि पर जानकारी रखी जा सके। हालांकि यह सेवा सभी बसों में सुनिश्चित हो, इसके लिए अभी आपको थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।
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क्या है जीपीएस: ग्लोबल पोजीश¨नग सिस्टम (जीपीएस) यह उपग्रह द्वारा भेजे गए संदेश पर काम करता है। इस तकनीकी के माध्यम से आसानी से लोकेशन का पता लगाया जा सकता है। इस प्रणाली के स्कूल बस में इंस्टाल हो जाने से विद्यालय प्रबंधन स्कूल बसों के परिचालन की स्थिति देख सकेगा। उपग्रह से प्राप्त सिग्नल के माध्यम से शहर के नक्शे में वह स्थान दिखेगा जहां बस खड़ी होगी या आ रही होगी। विद्यालय प्रबंधन इस प्रणाली से बच्चों के अभिभावकों को भी जोड़ सकती है जिससे उन्हें भी बच्चों की लोकेशन की जानकारी मिलती रहे।
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प्रशासन का क्या है उद्देश्य: जिला प्रशासन का मानना है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसमें किसी भी तरह की कोई चूक बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। स्कूल बसों में जीपीएस सिस्टम से जहां बस के परिचालन की जानकारी मिलेगी। वहीं, बसों में मोबेबुल सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से बस के विभिन्न हिस्सों की मॉनीट¨रग की जा सकती है। बस परिचालन के दौरान कर्मियों, छात्र - छात्राओं की गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी। वर्जन:
निजी विद्यालयों द्वारा संचालित स्कूल बसों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपाल सुनिश्चित करने के साथ ही बसों में जीपीएस सिस्टम व मोबेबुल सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया गया है। बच्चों की सुरक्षा बेहद जरूरी है।
- मनोज कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, गोड्डा -------------
इसे बाक्स में लगाएं :-
सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्कूल बसों के परिचालन को ले जारी दिशा-निर्देश के शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन ने सभी विद्यालयों के प्रबंधन को कहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा-निर्देश में महत्वपूर्ण ¨बदु निम्न है :- - बसों में सामने और पीछे की ओर स्पष्ट रूप से स्कूल बस लिखा हो।
- अगर बस भाड़े की है, तो उसके बाहर ऑन स्कूल ड्यूटी स्पष्ट रूप से लिखा होगा।
- बस में फस्ट एड बॉक्स की सुविधा होगी, बस सह चालक को प्राथमिक उपचार करना आना जरूरी।
- बस में अग्निशमन यंत्र लगा हो।
- बस के बाहर स्कूल का नाम व फोन नंबर के साथ प्रशासनिक महत्वपूर्ण फोन नंबर लिखा होना चाहिए।
- बस के दरवाजे अच्छे तरह बंद होते हो। खिड़की में होरिजेंटल ग्रिल लगा हो।
- बस में उपलब्ध सीट के हिसाब से बच्चों को बैठाया जाए, सीट की संख्या से एक भी अतिरिक्त बच्चा न हो।
- बच्चों के बैग रखने के लिए अलग से जगह की व्यवस्था हो।
- बस में अनिवार्य रूप से सहायक हो।