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दीपिका व संजीव के मैदान में उतरने से रोचक हुआ मुकाबला

दीपिका पांडेय व संजीव मिश्रा के मैदान में उतरने से तापमान में तेजी

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 08:01 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:18 AM (IST)
दीपिका व संजीव के मैदान में उतरने से रोचक हुआ मुकाबला
दीपिका व संजीव के मैदान में उतरने से रोचक हुआ मुकाबला

मेहरमा : गोड्डा जिले के महागामा विस क्षेत्र में मौसम के मिजाज के साथ राजनीतिक तापमान भी गर्म हो रहा है। महागामा विधानसभा से भाजपा नेतृत्व ने निवर्तमान विधायक अशोक कुमार पर पांचवी बार भरोसा जताया है। वहीं महागठबंधन (कांग्रेस, झामुमो, राजद) से महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव दीपिका पांडेय सिंह तथा झाविमो से केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य संजीव मिश्रा का टिकट कंफर्म हुआ है। कांग्रेस से टिकट की आस में पूर्व विधायक राजेश रंजन व निरंजन सिन्हा तथा झाविमो से निरंजन पोद्दार टिकट की आस में थे। तीनों के अरमानों पर पानी फिर गया है। चुनाव मैदान में उतरने को लेकर पूर्व विधायक राजेश रंजन एवं निरंजन सिन्हा की सक्रियता हाल के दिनों में काफी बढ़ गई थी। वहीं भाजपा के जिला कोषाध्यक्ष निरंजन पोद्दार झाविमो से टिकट की आस में ही झाविमो में शामिल हुए थे। पार्टी ने पुराने तथा समर्पित कार्यकर्ता संजीव मिश्रा पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट दिया है। संजीव मिश्रा ने कहा कि सब कुछ पैसा ही नहीं होता है। इसे झाविमो ने साबित कर दिया है। कहा कि पार्टी ने पैसा के आगे पार्टी के प्रति ईमानदारी, वफादारी, समर्पण को प्राथमिकता दी है। अब निरंजन पोद्दार के निर्दलीय चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है वहीं माकपा से अशोक साह व जदयू से शीतल सिन्हा के भी चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। हाल के दिनों में शीतल सिन्हा भाजपा से जदयू में शामिल हुए हैं। भाजपा में वे बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष पद पर थे। अब पाला बदलने से महागामा विधानसभा का चुनाव काफी रोचक प्रतीत होने लगा है। इधर लोगों का कहना है कि महागामा विधानसभा से पहली बार राष्ट्रीय पार्टी से महिला प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारने से महागामा विधानसभा में कांटे के मुकाबला की संभावना बढ़ गई है। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के अशोक कुमार ने कुल 70 635 वोट लाकर जीत हासिल की थी। दूसरे स्थान पर झाविमो के शाहिद इकबाल को 39075, कांग्रेस के राजेश रंजन 18355 मत मिले थे। कांग्रेस अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई थी। वहीं माकपा के अशोक शाह को भी 10 998 मत पर ही संतोष करना पड़ा था। आसन्न चुनाव में अब भाजपा के मुकाबले कांग्रेस और झाविमो से नए सुरमा के मैदान में आने से मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है।

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