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घास का कमाल, लाखों से मालामाल

पोड़ैयाहाट जीवन में असली उड़ान अभी बाकी है हमारे इरादों का इम्तिहान बाकी हैअभी तो न

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 06:37 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 06:37 PM (IST)
घास का कमाल, लाखों से मालामाल
घास का कमाल, लाखों से मालामाल

पोड़ैयाहाट : जीवन में असली उड़ान अभी बाकी है, हमारे इरादों का इम्तिहान बाकी है,अभी तो नापी है बस मुट्ठी भर जमीन, अभी तो सारा आसमान बाकी है। इन पंक्तियों की सार्थकता सिद्ध कर रही है गोड्डा सदर प्रखंड के कदवा टोला की रहने वाली आदिवासी गृहणी सेरोफिना सोरेन। एक लाख की लागत से शुरू की गई लेमन ग्रास की खेती से 2 साल के अंदर उन्होंने 25 से 30 लाख की आमदनी की है और न सिर्फ एक कुशल गृहिणी महिला से एक सफल कारोबारी महिला के रूप में अपनी पहचान बनाई। पहले सेरोफिना आम महिलाओं की तरह घर गृहस्थी संभालती थी लेकिन कुछ नया करने की जज्बा उसके मन में था। शिक्षक पति सुनील से प्रेरित होकर उसने लेमन ग्रास की खेती शुरू की। आज गोड्डा में सेरोफिना लेमन ग्रास खेती के लिए रोल मॉडल बन गई है। उसने लेमन ग्रास के लिए बंजर भूमि को चयन किया और रैयतों से छह साल के लिए लीज पर जमीन लेकर जुलाई 2017 में तीन अलग-अलग प्लॉट पर लेमनग्रास की खेती शुरू की। बताया जाता है कि सेरोफिना अपने पति के साथ मसूरी घूमने गई थी, जहां उसकी मुलाकात मीनाक्षी बिष्ट से हुई, जो लेमनग्रास की विशेषज्ञ थीं। मीनाक्षी बिष्ट ,सुरेंद्र अग्रवाल और रितेश कक्कड़ के ग्रुप से जुड़ कर सेरोफिना ने लेमनग्रास में पैसा लगाकर कदवा टोला में ही प्रोसेसिग प्लांट लगाया। अब प्रोसेसिग प्लांट से तेल तैयार होने लगा और यह काफी मात्रा में बिकने भी लगा है। पहले ही बार में 6.30 लाख का तेल तैयार हो गया और बाजार में देखते-देखते बिक भी गया। चार माह के बाद दूसरी बार कटाई में जुलाई 2018 तक में फिर 6.30 लाख की आमदनी हुई। लेमन की खुशबू अन्य राज्यों में भी फैलने लगी।

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प्रशिक्षण एवं बीज के लिए नर्सरी का निर्माण : सबसे पहले बांका जिला के 56 किसानों की टीम ने यहां प्रशिक्षण प्राप्त किया उसके बाद बांका जिला बेमिसाल बांका परियोजना के तहत 150 एकड़ पर बीज सप्लाई करने का आदेश प्राप्त हुआ और उसमें अट्ठारह लाख की आमदनी हुई ।अब तो एक अलग से नर्सरी बनाकर वह भी तैयार करने लगे। बेंगलुरु से ए धवन और साजू बी जॉर्ज इसकी नर्सरी को देखने के लिए यहां पहुंचे। फिर क्या था सेरोफिना की नर्सरी से बीज के लिए महाराष्ट्र के नंदूरबार जिला, हरियाणा के कैसल जिला, कर्नाटक के हासन तथा बिहार के अररिया तथा राजस्थान में बीज का आदेश प्राप्त होने लगा। तब तक सभी पार्टनर ने मिलकर फ्यूचर एरोमा व‌र्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी भी स्थापित कर दी।

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झारखंड के आजीविका मिशन से भी जुट गई है नर्सरी : झारखंड राज्य आजीविका मिशन के तहत भी इसकी नर्सरी का चयन किया गया। अब पूरे झारखंड के विभिन्न जिलों में सिमडेगा, सिंहभूम, पाकुड़ सहित दर्जनों जिला से बीज के लिए आदेश प्राप्त हुआ है। इतना ही नहीं गोड्डा के तत्कालीन उपायुक्त किरण पासी ने सेरोफिना के लेमन ग्रास को देखा और बंजर भूमि में किस प्रकार लेमन ग्रास की खेती का सराहा तथा इसे नमो नेमेसी गोड्डा परियोजना में शामिल कर लिया ।अब गोड्डा जिला में सारी बीज से सेरोफिना के नर्सरी से आपूर्ति की जा रही है और उत्पादित माल सेरोफिना की कंपनी फ्यूचर एरोमा व‌र्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड खरीदेगी। जिला में उद्यान विभाग के माध्यम से बीज उपलब्ध कराने का जिम्मेदारी दी गई है। अभी फिलहाल 150 एकड़ में गोड्डा जिला में बीज लगाया जाएगा , दूसरे फेज में 500 हेक्टेयर में बीज लगाने का प्रावधान है।


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