हाथी ड्राइव के दौरान बाल-बाल बची बांकुड़ा की टीम
संवाद सहयोगी गोड्डा पोड़ैयाहाट प्रखंड में झुंठ से बिचड़े हाथी को ड्राइव कर जिला से बहार निकालने में वन विभाग के पसीने छूट रहे है। पिछले तीन दिन से हाथी सतपहाड़ी में डेरा जमाये हुए है जहां उसे खाना में बांस के पत्ता के साथ ही पानी भी मिल रहा है। हाथी के हमले में तीन लोगों की मौत के बाद जिला वन वि
गोड्डा : पोड़ैयाहाट प्रखंड में झुंड से बिछड़े हाथी को ड्राइव कर जिला से बाहर निकालने में वन विभाग के पसीने छूट रहे हैं। पिछले तीन दिनों से उक्त हाथी पोड़ैयाहाट में ही डेरा जमाए हुए है।
शनिवार की राम हाथी ने सतपहाड़ी जंगल में डेरा जमाए रखा। जहां उसे खाने में बांस की हरी पत्तियों के साथ पर्याप्त पानी भी मिल रहा है। शुक्रवार को पोड़ैयाहाट क्षेत्र के तीन अलग अलग गांवों में हाथी के हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी। वहीं एक युवक को हाथी ने बुरी तरह घायल कर दिया था, जो अभी भी इलाजरत है। इसके बाद वन विभाग की टीम के साथ पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा से आई दस सदस्यीय टीम हाथी को ड्राइव कर रही है लेकिन हाथी को जिला की सीमा से नहीं निकाला जा सका है। टीम का प्रयास है कि आबादी से हाथी को दूर रखा जाय और सुरक्षित जंगल में भेजा जाए। इधर शनिवार की रात ड्राइव के दौरान बांकुड़ा की टीम बाल-बाल बच पाई। साथ चल रही दूसरी टीम ने बैकअप कर किसी तरह बांकुड़ा टीम को मौके से बाहर निकाली।
मिली जानकारी के अनुसार के शनिवार की रात उक्त हाथी ड्राइव टीम मशाल लेकर चल रही थी। अंधेरा होने के कारण टीम को पता नहीं चल पाया कि वे बिल्कुल हाथी के सामने आ चुके हैं। अचानक सामना होते ही हाथी टीम की ओर दौड़ पड़ा। इस दौरान अचानक हाथी को सामने देख बांकुड़ा टीम घबरा गई। मशाल लेकर चल रहे टीम के अन्य सदस्यों पीछे से बैकअप कर हाथी को खदेड़ा। इस दौरान बांकुड़ा टीम के एक सदस्य चोटिल भी हो गए। टीम के मुताबिक हाथी सतपहाड़ी के इलाके में डेरा डाले हुए है। दिन में उसका मूवमेंट कम है, रात में ज्यादा होता है। बताया जाता है हाथी को उक्त स्थान सुरक्षित लग रहा है, जहां पानी के साथ साथ उसे खाना भी मिल जा रहा है। मालूम हो कि उक्त टस्कर हाथी को लेकर वन विभाग व जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है।
पोड़ैयाहाट और सदर प्रखंड के दर्जन भर गांवों में प्रशासन ने निषेधाज्ञा लगा रखा है। आसपास के लोगों को हाथी के करीब जाने नहीं दिया जा रहा है। विभाग का प्रयास है कि जितनी जल्द हो सके, हाथी को ड्राइव कर निकाला जा सके। वन क्षेत्र पदाधिकारी श्रीनिवास दुबे ने बताया रात के वक्त ड्राइव टीम हाथी के बिल्कुल करीब पहुंच गयी थी। अंधेरा व झाड़ी होने के कारण टीम को यह पता नहीं चल पाया कि हाथी के बिल्कुल सामने आ गये है। साथ चल रही दूसरी टीम ने बैकअप दिया। इस दौरान सदस्य के एक सदस्य घायल हुए लेकिन चोट मामूली है। वन विभाग की टीम स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए है। ड्राइव के दौरान हमेशा खतरा बना रहता है इसके बाद भी बांकुड़ा व जिला की टीम डटी हुई है।
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