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भाजपा व राजद प्रत्याशी की घोषणा से बढ़ी सरगर्मी

- वर्ष 2000 से गोड्डा में राजद और भाजपा की रही है लड़ाई - दो बार भाजपा व दो राजद को मिली है सीट संवाद सहयोगी गोड्डा आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर जिले में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। रविवार को राजद व भाजपा के प्रत्याशी की घोषणा होने के साथ ही जिले में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है। गोड्डा सीट से भाजपा व राजद ने अपने सीटिग उम्मीदवार पर भी भरोसा जताया है। भाजपा ने अमित मंडल को और राजद से एक बार फिर महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में संजय प्रसाद यादव चुनाव मैदान में आमने सामने होंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 07:21 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 06:37 AM (IST)
भाजपा व राजद प्रत्याशी की घोषणा से बढ़ी सरगर्मी
भाजपा व राजद प्रत्याशी की घोषणा से बढ़ी सरगर्मी

गोड्डा : आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर जिले में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। रविवार को राजद व भाजपा के प्रत्याशी की घोषणा होने के साथ ही जिले में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है। गोड्डा सीट से भाजपा व राजद ने अपने सीटिग उम्मीदवार पर भी भरोसा जताया है। भाजपा ने अमित मंडल को और राजद से एक बार फिर महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में संजय प्रसाद यादव चुनाव मैदान में आमने सामने होंगे। टिकट की घोषणा के साथ दोनों प्रत्याशी ने जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है। आंकड़ों को देखा जाय तो गोड्डा विधानसभा में राज्य गठन के बाद वर्ष 2000 से अबतक दो बार राजद व दो बार भाजपा का कब्जा रहा है। वर्ष 1999 में राजद के संजय प्रसाद यादव ने भाजपा के दुखमोचन चौधरी को हराया था। कांग्रेस के रजनीश आनंद तीसरे स्थान पर रहे थे। वर्ष 2005 में भाजपा के मनोहर टेकरीवाल ने राजद के संजय प्रसाद यादव को पराजित किया था। 2009 के चुनाव में राजद के संजय प्रसाद यादव ने भाजपा के रघुनंदन मंडल को पराजित किया था जबकि वर्ष 2014 में भाजपा के रघुनंदन मंडल ने राजद के संजय प्रसाद यादव को पराजित किया था। इसके बाद वर्ष 2016 में रघुनंदन मंडल के निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनके पुत्र अमित कुमार मंडल ने राजद के संजय प्रसाद यादव को पराजित किया था। जबकि वर्ष 2019 के चुनाव में फिर दोनों एक बार फिर आपने सामने है। राजद के संजय प्रसाद यादव पांचवी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं जबकि अमित कुमार मंडल दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरे है। ऐसे में इस बार का चुनाव भी काफी दिलचस्प होने के आसार है। दोनों दल के लोगों ने उम्मीदवार घोषणा के साथ ही प्रचार प्रसाद तेज कर दिया है। अब लोगों की नजर झाविमो के प्रत्याशी पर टिकी हुई है। महागठबंधन में यह सीट जाने के बाद झामुमो के संभावित प्रत्याशी रवीन्द्र महतो के चुनाव मैदान में उतरने की संभावना लगभग समाप्त हो गई है।

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महागामा से भाजपा का संशय खत्म, महागठबंधन से नहीं हुई है घोषणा

गोड्डा : भाजपा आलाकमान ने महागामा विधानसभा के लिए एक बार फिर अशोक भगत पर ही भरोसा जताया है। जबकि महागठबंधन से अबतक उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई है। ऐसे में यहां तस्वीर साफ नहीं है कि महागठबंधन से कौन होगा प्रत्याशी। कांग्रेस में यहां कई दावेदार हैं। यहीं दावेदारी कांग्रेस के लिए परेशानी बनी हुई है कयास लगाया जा रहा है अगले कुछ दिनों में तस्वीर साफ हो जायेगी। कांग्रेस की दीपिका पांडेय सिंह, निरंजन सिन्हा और राजेश रंजन टिकट की दौड़ में चल रहे है। जबकि झाविमो से भी अब तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई है। बीते विधान सभा चुनाव में यहां भाजपा व झाविमो के बीच मुकाबला हुआ था। कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी।


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