शिक्षारूपी दीपक को बुझाने में जुटी सरकार
गोड्डा : वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा की जिला इकाई ने बुधवार को जिला शिक्षा पदाधिका
गोड्डा : वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा की जिला इकाई ने बुधवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय परिसर में धरना दिया। लंबित मांगों की पूर्ति के संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया। धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि झारखंड सरकार राज्य में शिक्षारूपी दीपक को बुझाने में लगी है। सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर ही दिया अब हाईस्कूलों एवं इंटर कॉलेजों को भी बंद करने की साजिश रची जा रही है। जिन हाईस्कूलों को इंटर स्कूल घोषित किया गया है उनमें शिक्षक है ही नहीं। गरीबों के बच्चों को उसमें पढ़ने के लिए विवश किया जाता है। यह गरीब विरोधी है। यह चाहते हैं कि कारपोरेट घरानों के स्कूलों में बच्चे पढ़े और ऐसे सरकारी स्कूल बंद हो जाए। भारत की आजादी के बाद से शिक्षा में इस तरह का ह्रास कभी देखने को नहीं मिला था जो आज देखने को मिल रहा है। यहां तक कि साठ सांसदों और विधायकों के अनुशंसित पत्रों पर भी सरकार अनदेखी कर रही है। आने वाले समय में सरकार को उपेक्षापूर्ण नीति का मूल्य चुकाना होगा। सभा को धरना को प्राचार्य प्रेमनंदन कुमार, प्राध्यापक सुनील कुमार मिश्रा, ध्रुव नारायण ¨सह, सुभाषचंद्र, मलकान दास आदि ने संबोधित किया। मौके पर कौशल किशोर ¨सह, मेवालाल, रंभा कुमारी, कृष्णचंद्र दत्ता, महेंद्र शाह सहित दर्जनों शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे। जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में मुख्य मांगों में वित्त रहित शिक्षा नीति समाप्त करने, माध्यमिक शिक्षा के प्रधान सचिव एपी ¨सह को अविलंब हटाने, सत्र 2017-18 के अनुदान नियमावली 2004 एवं 2015 के अनुसार पूर्व की भांति वितरण करने, सत्र 2017 -18 में छूटे हुए विद्यालय और महाविद्यालयों के बीच अनुदान वितरण, संस्कृत विद्यालयों मदरसों को अनुदान देने, इंटर कॉलेजों में बीएड की अनिवार्यता समाप्त करने, साठ से अधिक सांसद विधायक द्वारा अनुशंसित पत्रों पर विचार करते हुए विद्यालय महाविद्यालयों का अधिग्रहण करने की मांग की गई है।