ठाकुर गंगटी में दुर्गापूजा पर आदिवासी मेला व माता जागरण
सदो-कान्हू रामलीला लांगड़ा नृत्य का भव्य प्रदर्शन होता है। स्थानीय लोगों व जनप्रतिनिधियों सहित नवयुवक युवा शक्ति क्लब के सदस्यों के द्वारा कला पार्टियों को पुरस्कृत किया जाता है। साथ ही दशमी व एकादशी तिथि की रात्रि में पश्चिम बंगाल छत्तीसगढ़ राज्यों के प्रचलित कलाकारों द्वारा भक्ति जागरण प्रस्तुत किया जाएगा। समिति के अध्यक्ष जयकांत यादव उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार वर्मा राजेंद्र प्रसाद वर्मा बालेंदु शेखर
संवाद सहयोगी, ठाकुर गंगटी : प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में मंगलवार को मां दुर्गा के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की पूजा की गई। क्षेत्र के मोरडीहा, भगैया, माल मंडरो, चपरी, बनियाडीह, मिश्र गंगटी, ठाकुर गंगटी, गांव के मंदिरों में चंडी पाठ जारी है। सभी मंदिरों में चंडी पाठ के समय नवरात्रि के उपासक एकत्रित होते हैं। सभी जगहों पर पूजा के साथ-साथ मेला व अन्य कार्यक्रमों की तैयारी की जा रही है। सभी गांव पंचायतों के पूजा समिति के पदाधिकारी, सदस्य, बुजुर्ग, ग्रामीण, शिक्षाविद, नवयुवक आदि बेहतर ढंग से मेहनत करते हुए तैयारी करने में लगे हैं। ताकि शांतिपूर्ण ढंग से दुर्गा पूजा मेला व अन्य कार्यक्रम संपन्न किया जा सके। मोरडीहा गांव के मंदिर में कुल पुरोहित पंडित जी पंकज कुमार झा चंडी पाठ कर रहे हैं। पुजारी महेश मंडल, पंकज मंडल, गोपाल ठाकुर, पूर्णानंद पंडित सहयोग कर रहे हैं। चंडी पाठ के समय गांव के नवयुवक एवं महिलाएं की भागीदारी रहती हैं। और विधिवत चंडी पाठ के बाद आरती प्रसाद लेकर ही श्रद्धालु वापस अपने घर की ओर जाते हैं। वर्षा के कारण निर्माण किया गया पंडाल क्षतिग्रस्त हो गया। जिससे कि पुन: निर्माण करते हुए सजाया जा रहा है। चर्चित कलाकारों द्वारा आकर्षक प्रतिमा का निर्माण कराया गया है। और आकर्षक ढंग से सजाया भी जा रहा है। संध्या में महिलाएं आरती के बाद देवी गीत गाती हैं। वहीं गांव के गणमान्य, बुजुर्ग, नवयुवक मिलकर ढोल झाल हारमोनियम करताल बैंजो आदि की ताल पर भजन कीर्तन करते हैं। उसके बाद दुर्गा नाट्य कला परिषद् के बने धार्मिक मंच पर प्रोजेक्टर के माध्यम से पर्दे पर महाभारत भागवत व रासलीला दिखाया जा रहा है। षष्ठी के दिन गांव के नवयुवक बड़े-बड़े ध्वज लेकर दुर्गा मंदिर एवं गांव का भ्रमण करेंगे। उसके बाद प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। प्रतिमा का पट खुलते ही अष्टमी तिथि से भीड़ लगनी शुरू हो जाती है। अष्टमी तिथि को मोरडीहा गांव के इस मंदिर में प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव की महिलाओं की डलिया चलाने के लिए भारी भीड़ लगती है। वही नवमी तिथि को हवन में भाग लेने के लिए भी हजारों लोगों की भीड़ लगती है। दशमी तिथि को श्रद्धालु प्रतिमा का दर्शन करते हैं व मेले का लुत्फ उठाते हैं। वहीं एकादशी तिथि को आदिवासी मेला के दिन गोड्डा जिले के कई प्रखंडों के साथ-साथ साहिबगंज जिले के कई प्रखंडों एवं पड़ोसी राज्य बिहार के भागलपुर कटिहार सहित कई जिलों के कला पार्टियों का आगमन होता है। अलग-अलग जत्था बनाकर सीता-राम, लक्ष्मण, हनुमान का रूप बनाकर कला का प्रदर्शन करते हैं। सिदो-कान्हू, रामलीला, लांगड़ा नृत्य का भव्य प्रदर्शन होता है। स्थानीय लोगों व जनप्रतिनिधियों सहित नवयुवक युवा शक्ति क्लब के सदस्यों के द्वारा कला पार्टियों को पुरस्कृत किया जाता है। साथ ही दशमी व एकादशी तिथि की रात्रि में पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ राज्यों के प्रचलित कलाकारों द्वारा भक्ति जागरण प्रस्तुत किया जाएगा। समिति के अध्यक्ष जयकांत यादव, उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार वर्मा, राजेंद्र प्रसाद वर्मा, बालेंदु शेखर सहदेव प्रसाद वर्मा, अरविद पासवान, सचिव धर्मेंद्र पासवान, संयुक्त सचिव प्रीतम यादव, कोषाध्यक्ष पूर्णानंद पंडित, उप कोषाध्यक्ष ज्योतिष साह, रवि पासवान, अमरेंद्र कुमार आजाद, मिथिलेश शाह , मुखिया शीला देवी, विलास यादव, व्यास मुनि शाह, प्रकाश मंडल, मोती पंडित, योगेश ठाकुर, शंकर ठाकुर, हेमंत ठाकुर, राजेश पोद्दार शंकर शाह सुरेंद्र शाह सहित संपूर्ण पंचायत वासी जोरदार तैयारी करने में लगे हुए हैं।