200 वर्ष से केला थंब में प्राण प्रतिष्ठा कर होती मां दुर्गा की पूजा
शुक्रवार को मोतिया गांव स्थित दुर्गा मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ केला पेड़ के थंब में प्राण प्रतिष्ठा कर पूजा की जाती है।
संवाद सहयोगी, डुमरिया : शुक्रवार को मोतिया गांव स्थित दुर्गा मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ केला पेड़ के थंब में प्राण प्रतिष्ठा कर पूजा की जाती है। मोतिया गांव स्थित यह दुर्गा मंदिर एक शक्ति पीठ के रूप में क्षेत्र में चर्चित है। इस मंदिर में 200 वर्ष पूर्व से तांत्रिक विधि से पूजा होती आ रही है । आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष में माता की तांत्रिक विधि से पूजा अर्चना होती है। पंडित अर्जून झा बताते हैं कि प्रत्येक वर्ष महालया पूजा के दिन शाम के समय मे मोतिया गांव के श्रद्धालु गंगा नदी से स्नान कर भक्ति भाव से पवित्र होकर गंगाजल लाकर नवरात्र में विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं। षष्ठी तिथि को बेल वृक्ष में बेलभरणी की पूजा की जाती है। पंडित अर्जुन झा ने बताया कि सप्तमी तिथि को मां की विशेष पूजा शुरू होती है। केले थंब से माता की प्रतिमा बनाई जाती है। जिसे नवपत्रिका नव वस्त्र से सुशोभित किया जाता है। इसके उपरांत प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। मंदिर के अंदर अखण्ड दीप प्रज्वलित की जाती है। जो दशमी तिथि तक अनवरत जलते रहती है। दशमी तिथि को मां दुृर्गा को खीर का भोग लगाया जाता है। मोतिया गांव के इस मंदिर में मां दुर्गा के स्वरुप मां छिन्नमस्तिका के नाम से जानी जाती है। पूजा कमेटी के अध्यक्ष बासुदेव चौधरी ने बताया कि विधि व्यवस्था के लिए कमिटी सदस्यों का भी गठन किया गया है। जिसमें प्रभास झा, विनय चौधरी, श्यामा कांत चौधरी, राजीव चौधरी, सरोज चौधरी आदि सदस्य शामिल हैं।