खुल गया पट, मां के दर्शन को उमड़ पड़ा भक्तों का हुजूम
गोड्डा : जिला मुख्यालय सहित सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के दुर्गा मंदिर व पूजा पंडालों में मंगलवार क
गोड्डा : जिला मुख्यालय सहित सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के दुर्गा मंदिर व पूजा पंडालों में मंगलवार को नवपत्रिका प्रवेश के साथ ही मां दुर्गा की प्रतिमा को आमलोगों के दर्शन के लिए खोल दिया गया। मंदिर का पट खुलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाओं ने छर्रा देकर देवी की अगवानी की। अलसुबह से मंदिरों के आसपास श्रद्धालुओं ने साफ-सफाई शुरू कर दी। बारकोप, महागामा, महेशपुर, मोतिया, बलबड्डा, मेहरमा, ठाकुरगंगटी आदि जगहों के प्राचीन मंदिरों में प्राचीन रीति रिवाज के साथ पूजा की गई। अन्य मंदिरों में बैष्णवी दुर्गा की पूजा की जा रही है। जिला मुख्यालय की बड़ी दुर्गा, भतडीहा, गांधीनगर, शिवपुर- सिनेमाहाल, रोतारा-बढ़ौना, कुरमन, चिलौना, कठौन, पोड़ैयाहाट, बसंतराय सहित अन्य मंदिरों में विधिवत पूजा की जा रही है। पंडित मृत्युंजय झा ने बताया कि काल गणना के अनुसार मंगलवार को ही अष्टमी का योग है। ऐसे में रात में ही निशापूजा होगी। सभी कार्यक्रम यथावत रहेंगे। इधर, मंदिर के आसपास क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की दुकानें सज चुकी हैं जहां लोग अपनी मनपसंद वस्तुओं की खरीदारी में जुटे हुए हैं। ठाकुरगंगटी : प्रखंड क्षेत्र के भगैया, माल मंडरो, मोरडीहा, बनियाडीह, चपरी, मिश्रगंगटी, ठाकुरगंगटी के दुर्गा मंदिरों में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। ठाकुरगंगटी के मंदिर में मंगलवार सुबह प्रतिमा स्थापित की गई। मोरडीहा मंदिर में सोमवार की मध्य रात्रि में ही सप्तमी तिथि को प्रवेश मानकर प्रतिमा स्थापित कर प्राण प्रतिष्ठा की गई। भगैया, माल मंडरो,
चपरी, बनियाडीह, मिस्त्रगंगटी गांव में भी प्रतिमा की स्थापना की गई। सभी जगहों पर मेला भी लग चुका है। प्रतिमा की पूजा व दर्शन करने के बाद श्रद्धालु मेले में खरीदारी भी कर रहे हैं। पंडित रुधिर पांडेय, सहयोगी पंकज चौधरी, गोपाल ठाकुर, पुजारी महेश मंडल के अनुसार बुधवार को अष्टमी का डलिया चढाया जाएगा। गुरुवार को हवन होगा। दशमी तिथि को देसी मेला व शनिवार को ग्यारहवीं तिथि पर आदिवासी सिदो कान्हो रामलीला होगा। रात्रि में ग्रामीण स्कूली बच्चों द्वारा स्वच्छ भारत मिशन, दहेज प्रथा
पर पूर्ण रोक व बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नामक नाटक होगा। चपरी, भगैया व माल मंडरो में भक्ति जागरण होगा। बनियाडीह में गुरुवार को भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। बोआरीजोर : प्रखंड क्षेत्र के बोआरीजोर, श्रीपुर, इटहरी आदि गांव में मां का कपाट खुलने के साथ ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। बोआरीजोर बाजार में सुबह पूजा अर्चना के बाद छर्रा का आयोजन किया गया। भक्त बोआरीजोर स्थित तालाब से कलश भरकर मंदिर तक लाए। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सेनवार की डाली से सफाई की और कलश को लेकर गांव-गांव तक गए। बलभद्र की भी पूजा अर्चना की गई। इस दौरान दर्जनों श्रद्धालुओं ने दंड दिया। पंडित अंकेश उपाध्याय ने मां के सातवें स्वरूप की पूजा मंत्रोच्चार के साथ की। पूजा के बाद महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों ने मेला का आनंद दिया। खिलौने, मिठाई व मनिहारा दुकानों में भारी भीड़ देखी गई। बसंतराय : कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार को बेलभरणी की गई। काफी संख्या में महिलाएं गाजे बाजे के साथ मंदिर पहुंचे। वहां से मंदिर की परिक्रमा कर पूजा स्थल पर पहुंचे। शारदीय नवरात्र के सातवें दिन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मां की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इसके बाद वहां दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। पूजा को देखते हुए क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मंदिर परिसर व अन्य जगहों पर पुलिस बल की नियुक्ति की गई है। स्वामी विवेकानंद क्लब के सदस्यों द्वारा शर्बत की व्यवस्था की गई थी। मौके पर पूजा समिति के सीताराम खेतान, बांके लोहरका, प्रदीप शर्मा, सुरेश पासवान, कैलाश पंडित, सानू मिश्रा आदि मौजूद थे। पथरगामा : प्रखंड के सापीन नदी में बेल भरण की पूजा आचार्य ललन जी महाराज ने कराई। इस दौरान 111 कन्याओं द्वारा कलश शोभायात्रा यात्रा निकाली गई। यह सापीन नदी से निकल कर नगर का भ्रमण करते हुए बड़ी दुर्गा मंदिर पहुंची जहां विधि विधान के साथ कलश स्थापित की गई तथा बेलभरण की पूजा की गई। प्राचीन दुर्गा मंदिर बारकोप, वैष्णवी दुर्गा मंदिर लौगांय, वैष्णवी दुर्गा मंदिर बिषाहा, रजौन मोड़ बड़ी दुर्गा मंदिर, पथरगामा दुर्गा मंदिर, परसपानी दुर्गा मंदिर, छोटी कल्याणी आदि गांव में कपाट खुलने के साथ ही मां के दर्शन को भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। ललमटिया : ललमटिया के पुराने दुर्गा मंदिर एवं स्कूल मैदान में मां की पूजा अर्चना विधि विधान से की गई। ईसीएल दुर्गा पूजा समिति द्वारा बेलभरनी आगमन पर महिलाओं द्वारा कलश यात्रा निकाली गई। बाबा शालिग्राम पांडे एवं पंकज चौबे ने बताया कि नवरात्रि की सप्तमी के दिन कालरात्रि का विधान है। मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक होता है लेकिन यह सदैव शुभ फल देने वाली है। इसी कारण इसका एक नाम शुभंकारी भी है। मां कालरात्रि भक्तों का कल्याण करती है। मां कालरात्रि को तंत्र मंत्र और यंत्र की देवी कहा गया है। ऐसा माना गया है कि देवी दुर्गा ने असुर रक्तबीज का वध करने के लिए कालरात्रि को अपना तेज से उत्पन्न किया था। इसकी उपासना करने से प्राणी सर्वथा भय मुक्त होता है। अष्टमी की रात्रि को भक्ति जागरण का कार्यक्रम राजमहल दुर्गा पूजा समिति द्वारा किया जाएगा। इसमें संगम म्यूजिकल ग्रुप द्वारा बंगाल, बिहार और झारखंड के कलाकारों को बुलाया जा रहा है। पूजा की विधि व्यवस्था को बनाए रखने में पूजा समिति के अध्यक्ष किशोर कुमार, सचिव धनंजय महतो, कोषाध्यक्ष संतलाल लोहार, विकास कुमार, कुमुद महतो, मानिक ठाकुर आदि सक्रिय हैं। पोड़ैयाहाट : प्रखंड मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में सप्तमी पूजा को लेकर मां दुर्गा की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए मां का कपाट खोल दिया गया। मां के दर्शन और पूजा-पाठ को लेकर पूजा पंडालों और मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इसके पूर्व बेल भरनी को लाने को लेकर आकर्षक कलश शोभायात्रा निकाली गई जो चिर नदी व विभिन्न तालाबों से जल लेकर मंदिर परिसर पहुंचे। मंत्रोच्चार के साथ कलश को रखा गया और मां की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इधर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सप्तमी तिथि को दुर्गा के कालरात्रि रूप की पूजा अर्चना की गई। प्रखंड मुख्यालय के बांझी रोड, पुराना बाजार, बंगाली टोला के अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में बक्सरा, पूर्वेडीह, मानिकपुर, बिरनियां, कठौन, रघुनाथपुर, देवडांड़, लाठीबाड़ी समेत दर्जनों पूजा पंडालों में पूजा अर्चना की गई। मेहरमा : सिद्धू कान्हू चौक पिरोजपुर स्थित काली-दुर्गा-बजरंगबली मंदिर परिसर में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा का पट मंगलवार की सुबह श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया गया। वहीं पिरोजपुर हाट स्थित पुराना दुर्गा मंदिर, ¨सघाड़ी व इटहरी में मां दुर्गा की प्रतिमा देर शाम श्रद्धालुओं के लिए खोली गई। पिरोजपुर पुराना हाट स्थित मां दुर्गा मंदिर में नवरात्र पाठ व सुबह शाम आरती जारी है जहां दर्जनों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। इससे चारों ओर भक्ति व उत्साह का माहौल है। इस अवसर पर पिरोजपुर व ¨सघाडी में भव्य मेले का आयोजन किया गया है जहां आदिवासी नृत्य संगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। सफल प्रतिभागियों के बीच पूजा समिति के सदस्यों व विशिष्ट अतिथियों द्वारा पारितोषिक का वितरण किया गया जाएगा। पूजा व मेला के सफल संचालन के लिए मेला समिति के सदस्यों द्वारा दिनरात एक कर दिया गया है। पूजा को लेकर बाजार में भी चहल-पहल बढ गयी है।
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इनसेट : महागामा में छर्रा देने को उमड़ी भीड़
संवाद सूत्र, महागामा : हटिया चौक स्थित दुर्गामंदिर का कपाट मंगलवार को खोल दिया गया। इसके बाद मां के दर्शन के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। बताया जाता है कि यह मंदिर करीब 400 वर्ष पुराना है। राजा के वंशज दयाशंकर ब्रह्म ने बताया कि राजा मोल ने ही इस मंदिर की स्थापना की थी। इस मंदिर में तांत्रिक विधि से मां की पूजा-अर्चना की जाती है। सप्तमी पूजा के दिन मां दुर्गा का प्रतिमा मंदिर में प्रवेश करने से पहले भक्तों द्वारा अरहर के झाडू से रास्ते की सफाई की जाती है। महिलाएं मिट्टी की कुढीया में दूध, ¨सदूर, पुष्प, पान-सुपाड़ी आदि लेकर फावड़ा एवं दंड दिया जाता है। इस वर्ष 15987 लोगों ने झाडू लगाया। 6600 महिलाओं ने छर्रा जबकि 520 श्रद्धालुओं ने दंड दिया। मेले में भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने काफी चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था की थी। महागामा के पुलिस निरीक्षक अशोक ¨सह, थाना प्रभारी पवन कुमार झा, सहायक अवर निरीक्षक प्रवीण ¨सह आदि मौजूद थे। जगह- जगह पर महिला पुलिस की भी तैनाती की गई है। प्रशासन व मेला कमेटी के कार्यकर्ताओं की तरफ से मेले में आम जनता को काफी सहयोग मिला। भीड़ को देखते हुए जगह जगह मेले में पानी, शर्बत की व्यवस्था की गई है। दुर्गा मंदिर का भव्य सजावट देखते ही बनती हैं।