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Jharkhand: आर्थिक संकट से जूझ रहे चिकित्सक का बंद कमरे से शव बरामद, 7 माह से वेतन नहीं मिलने से तनाव में थे डॉ. विजय कृष्ण

गोड्डा मंडल कारा में तैनात चिकित्सक डॉ. विजय कृष्ण का शव बुधवार को उनके आवास के बंद कमरे से बरामद हुआ। लगातार सात महीनों से वेतन नहीं मिलने से डॉक्टर के परिवार के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। डॉ. विजय मूलत पटना के निवासी थे।

By Sagar SinghEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 06:51 PM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 06:51 PM (IST)
Jharkhand: आर्थिक संकट से जूझ रहे चिकित्सक का बंद कमरे से शव बरामद, 7 माह से वेतन नहीं मिलने से तनाव में थे डॉ. विजय कृष्ण
गोड्डा सदर अस्पताल परिसर में दिवंगत डॉक्टर की पत्नी और बच्चे।

गोड्डा, जेएनएन। जिले में डीएमएफटी के तहत पोड़ैयाहाट के देवदांड़ स्वास्थ्य केंद्र के लिए बहाल किए गए डॉ. विजय कृष्ण श्रीवास्तव का शव बुधवार को ब्लॉक फील्ड स्थित डी टाइप आवास के बंद कमरे से सड़े-गले हालत में बरामद किया गया। पोस्टमार्टम के बाद डीएस डाॅ. प्रदीप कुमार सिन्हा ने बताया कि लगता है कि तीन से पांच दिन पहले ही मौत हुई है। वहीं, डॉक्टर की पत्नी सुजाता विजय श्रीवास्तव ने बताया कि पति को छह-सात महीने से वेतन नहीं मिला था। बताया कि सिविल सर्जन से लेकर कई अधिकारियों के पास फरियाद की, पर किसी ने कोई सहायता नहीं की।

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घटना के संबंध में बताया जा रहा है लगातार सात महीनों से वेतन नहीं मिलने से डॉक्टर परिवार के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। पत्नी के पास तीन साल की बच्ची को दूध पिलाने तक का पैसा नहीं था। आर्थिक तंगी के कारण पारिवारिक कलह भी होने लगा था। मौत का कारण क्या है, इसपर अभी संदेह बना हुआ है। कोई अधिकारी इस पर कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। इस दौरान आइएमए के पदाधिकारी भी अपनी लक्जरी कार से उतरकर सीधे अस्पताल चले गए, पर बगल मे खड़े दिवंगत चिकित्सक के परिजनाें की सुध नहीं ली।

जुलाई माह में मंडल कारा में किए गए थे प्रतिनियुक्त : करीब तीन माह पहले डाॅ. विजय कृष्ण का प्रतिनियोजन मंडल कारा गोड्डा के चिकित्सक के रूप में किया गया था। मंडल कारा में जुलाई माह में एक साथ 300 कैदियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद वहां उनकी प्रतिनियुक्ति की गई थी। डॉ. वियज मूल रूप से पटना के रहने वाले थे। बीते जनवरी माह में उनकी बहाली यहां हुई थी।

कमरे से दुर्गंध निकलने पर अनहोनी का हुआ खुलासा : डॉ. विजय कृष्ण गोड्डा प्रखंड मुख्यालय स्थित डी टाइप सरकारी क्वार्टर में रहते थे। बुधवार को जब कमरे से दुर्गंध आने लगी तो बगल में रह रहे लोगाें ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने बंद कमरे के दरवाजे को तोड़कर देखा तो बिछावन पर डॉ. विजय का शव पड़ा हुआ था। शव पर कीड़ा बिल-बिला रहे थे। इसके बाद पुलिस ने परिजनों को घटना की जानकारी दी। स्थानीय लोगों सहित अनुसंधान कर रहे पुलिस अधिकाररी को अंदेशा है कि डाॅक्टर की मौत हार्ट अटैक से हुई है, लेकिन जबतक पोस्टमार्टम रिपाेर्ट नहीं आती तब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकती।

हंसता खेलता परिवार के समक्ष दुखों का पहाड़ : डॉ. विजय कृष्ण बिहार के पटना के राजेंद्र नगर कॉलोनी के रहने वाले थे। साइंस कॉलेज पटना से बीएससी पास करने के बाद कटिहार मेडिकल कॉलेज से एसबीबीएस की पढ़ाई की। करीब दो साल तक सेना में भी डॉक्टर की नौकरी की। उसके बाद सेंट्रल रेलवे, विनोबा भावे अस्पताल में भी सेवा दी। गोड्डा में भी कई प्राइवेट अस्पतालों में उन्होंने काम किया। डॉ. विजय कृष्ण के चचेरा भाई साकेत शरण तथा उनकी पत्नी भी धनबाद में चिकित्सक हैं। कटिहार मेडिकल कॉलेज में पढ़ने के दौरान ही विजय कृष्ण को केरल की नर्स सुजाता से प्यार हुआ था। वर्ष 1997- 98 से प्रेम का सिलसिला शुरु हुआ व 2001 में दोनों ने शादी कर ली। इस दौरान दोनों के तीन बच्चे सूर्यन विजय (16), जयेश विजय (13), ऋषिता (3) हुए। बड़े बेटे ने बीते वर्ष की मैट्रिक पास किया है। पैसे के अभाव में जयेश का नाम स्कूल से काट दिया गया था। आर्थिक तंगी के कारण करीब 15 दिन पहले पत्नी सुजाता से भी विवाद होने के कारण सुजाता अपने तीनों बच्चे को लेकर गोड्डा से सटे पंजवारा चली गई थी। सुजाता ने बताया कि वह वहां पर नर्सिंग का काम कर रही है। बताया कि बीते 15 दिन में दोनों के बीच कभी मोबाइल से भी बातचीत नहीं हुई। कभी साथ में जीने मरने की कसमें खाने वाले युगल को आर्थिक तंगी ने भी अलग-थलग कर दिया।

डीएमएफटी के तहत बहाल सभी कर्मी के वेतन के लिए कई बार जिला प्रशासन को डिमांड भेजी गई है। करीब सात माह से वेतन नहीं मिला है। डॉ. विजय कृष्ण तो मेरे परिवार का सदस्य जैसे थे। उनकी मौत से स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी व कर्मी मर्माहत हैं। -डॉ. शिव प्रसाद मिश्रा, सिविल सर्जन, गोड्डा।

प्रखंड परिसर स्थित डी टाइप क्वार्टर में डॉ. विजय कृष्ण का शव बरामद किया गया। पत्नी की ओर से पुलिस को बताया गया कि आर्थिक तंगी के कारण वे तनाव में थे। संभव है कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई हो, वैसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही इसका खुलासा हो पाएगा। मामले को लेकर यूडी केस दर्ज किया गया है। -अशोक कुमार सिंह, थाना प्रभारी, नगर थाना गोड्डा।


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