कहीं डाकबंगले तो कहीं कम्युनिटी हॉल में चल रहे थाने
जासं गोड्डा राज्य गठन को लगभग 19 वर्ष पूरे होने को हैं। इस दौरान जिले में अरबों रुपये के सरकारी भवन बने। जमीन उपलब्ध होने के साथ ही राशि का आवंटन भी मिला। निजी कंपनियों के लिए भी करीब एक हजार एकड़ जमीन अधिग्रहित हुई लेकिन राज्य बनने के बाद भी जिले में पुलिस संस्थान के लिए आधारभूत संरचनाओं का निर्माण नहीं हुआ। यहां पुलिस संसाधन की कमी से जूझ रही है। पुलिस को अपना आशियाना तक नहीं मिल पाया है।
गोड्डा : राज्य गठन को लगभग 19 वर्ष पूरे होने को हैं। इस दौरान जिले में अरबों रुपये के सरकारी भवन बने। जमीन उपलब्ध होने के साथ ही राशि का आवंटन भी मिला। निजी कंपनियों के लिए भी करीब एक हजार एकड़ जमीन अधिग्रहित हुई लेकिन राज्य बनने के बाद भी जिले में पुलिस संस्थान के लिए आधारभूत संरचनाओं का निर्माण नहीं हुआ। यहां पुलिस संसाधन की कमी से जूझ रही है। पुलिस को अपना आशियाना तक नहीं मिल पाया है। 14 लाख की आबादी की सुरक्षा में रात दिन लग रहने वाले पुलिस जवान व अधिकारी के लिए पुलिस केन्द्र का निर्माण जिला बनने के 36 वर्ष बाद भी नहीं हो पाया। पुलिस केंद्र के लिए 20 एकड़ जमीन नहीं मिल पाई। गोड्डा जिला 25 मई 1983 को अस्तित्व में आया था। यहां अब भी कई थाना को अपना भवन तक नहीं है। राज्य सरकार पुलिस आधुनिकीकरण की बात करती है लेकिन जिले में पुलिस केन्द्र, मेहरमा प्रखंड के बलबड्डा थाना व बोआरीजोर प्रखंड के राजाभिट्टा, महगामा के हनवारा, पथरगामा के बसंतराय थाना को अपना भवन तक नसीब नहीं है। फिर पुलिस आधुनिकीकरण की के दावे में कहां तक दम है।
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तीन दशक से स्वास्थ्य उपकेंद्र में चल रहा बलबड्डा थाना :
80 के दशक में मेहरमा थाना के अलग कर बलबड्डा थाना बनाया गया। यहां थाना भवन नहीं बन पाया है। करीब तीन दशक से बलबड्डा थाना स्वास्थ्य उपकेन्द्र के जर्जर भवन में चल रहा है। यहां रह रहे पुलिस कर्मी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में थाना में हाजत तक नहीं है और जबकि यह थाना बिहार की सीमा पर अवस्थित है। दूसरी ओर देवढाड़ थाना भवन भी काफी जर्जर स्थिति में है हालांकि यहां पर कटीले तार सहित अन्य सुविधाएं अब दी गई है।
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हनवरा थाना भवन भी नहीं बना :
: भागलपुर जिले की सीमा पर गेरुवा नदी पर स्थिति संवेदनशील माने जानेवाले हनवारा थाना की स्थिति और भी खराब है। यह थाना करीब दस वर्षा या इससे अधिक समय से चल रहा है। थाना सामुदायिक भवन में चल रहा है जहां रह रहे जवानों व अधिकारियों को किसी भी तरह सुविधा नहीं मिल पा रही है। दूसरी ओर बसंतराय थाना भवन की हालात भी काफी खराब है जहां पुलिसकर्मी को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ओपी से थाना का दर्जा मिलने के बाद भी आजतक भवन नहीं मिल सका।
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डाकबंगला में चल रहा राजाभिट्टा थाना
पाकुड़ जिले की सीमा से सटे राजाभिट्टा थाना की भी हालात खराब है। यहां थाना वर्षो पूर्व अंग्रेज के समय में बने भवन में चल रहा है। थाना में बैठने तक की जगह नहीं है। पेड़ के नीचे बैठक होती है। जैसे तैसे थानेदार का कक्ष बना हुआ है जहां दरवाजा तक नहीं है। सुरक्षा के नाम पर सिर्फ चारों ओर कंटीले तार हैं। पूर्व में यहां साधारण बल के जवान रहते थे लेकिन बढ़ती आपराधिक गतिविधि के बाद सशस्त्र बलों की तैनात की गई है।
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जिला में न तो पुलिस केंद्र ही अपना है न ही कुछ थाना को छोड़कर कर बाकी थाना को भवन ही मिल पाया है। विपरित परिस्थिति पुलिस अधिकारी ने अपने कार्य दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। राजाभिट्टा, बलबड्डा, हनवारा थाना को अबतक भवन नहीं मिल पाया है बसंतराय, पथरगामा थाना भवन की हालात खराब है।
- रामबदन सिंह, मंत्री जिला पुलिस एसोसिएशन गोड्डा।
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विपरित परिस्थिति में जवानों को अपने अधिकारी के आदेश का पालन करते हुए जनता की सुरक्षा में लगा रहना पड़ता है। जिला बनने के बाद आजतक पुलिस केन्द्र जिला में नहीं बन पाया है। कई थाना दूसरे भवन में चल रहे हैं। वहीं कुछ थाना को अपना भवन भी है तो काफी जर्जर है। जहां रह रहे जवानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है इसके साथ ही असुरक्षित महसूस करते है।
- तेजनारायण दास, पुलिस मेंस एसोसिएशन गोड्डा।