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हड़ताल से पांच घंटे तक ठप रहा ईसीएल में कोयला उत्पादन

जागरण टीम ललमटिया संयुक्त ट्रेड यूनियन की हड़ताल का राजमहल परियोजना के उत्पादन पर अ

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 06:30 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 06:30 PM (IST)
हड़ताल से पांच घंटे तक ठप रहा ईसीएल में कोयला उत्पादन
हड़ताल से पांच घंटे तक ठप रहा ईसीएल में कोयला उत्पादन

जागरण टीम, ललमटिया : संयुक्त ट्रेड यूनियन की हड़ताल का राजमहल परियोजना के उत्पादन पर आंशिक असर पड़ा है। ओबी की कटाई सामान्य रही। वहीं करीब तीन हजार टन कोयला उत्पादन के प्रभावित होने के आसार हैं। गुरुवार को पूर्व निर्धारित हड़ताल के तहत राजमहल परियोजना के जीरो प्वाइंट, ओसीपी कार्यालय, सीएचपी कार्यालय एवं ललमटिया एमजीआर केबिन के रेलवे ट्रैक पर टोली बनाकर यूनियन के नेताओं ने अहले सुबह से प्रदर्शन किया। इस दौरान मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। कॉमर्शियल माइनिग वापस लेने, मजदूर विरोधी कानून को वापस लेने और सीएमपीएफ को इपीएफ में विलय वापस लेने की मांग पर आवाज बुलंद की गई।

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वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने कॉमर्शियल माइनिग लाकर कोल इंडिया को निजी हाथों में बेचने की साजिश रची है। श्रम सुधार कानून के नाम पर मजदूरों को गुलाम बनाने के लिए भाजपा सरकार ने चार नए श्रम कोड लाए हैं। राष्ट्रीय संपत्ति का निजीकरण किया जा रहा है।

श्रमिक नेताओं ने रेल रैक पर चढ़कर प्रदर्शन किया । दोपहर में प्रदर्शनकारी नेताओं को ललमटिया पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान 37 यूनियन नेताओं की गिरफ्तार हुई। बाद में पीआर बांड पर सबों को छोड़ दिया गया। प्रदर्शनकारियों में यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन के सचिव रामजी साह, रामस्वरूप , झारखंड मजदूर कल्याण संघ के केंद्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन सिंह, सीटू के वरीय नेता डॉ राधेश्याम चौधरी, अक्षय मिश्रा, एके पांडे, अनिल सिंह, खगेंद्र महतो, अहमद अंसारी, बिनोद कुमार महतो, गुरु प्रसाद हाजरा, राम सुन्दर महतो, शंकर प्रसाद गुप्ता, बाबूलाल किस्कू, अर्जुन हेम्ब्रम , राधा प्रसाद साह, पांचू किस्कू, मंगरू बेसरा आदि थे।

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यूनियन नेताओं ने हड़ताल को बताया सफल :

भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर अन्य सभी श्रमिक संगठनों ने ईसीएल की राजमहल परियोजना में गुरुवार को पूर्व निर्धारित देश व्यापी हड़ताल के तहत तकरीबन पांच घंटे तक उत्पादन कार्य को ठप कराने का दावा किया है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने जीरो प्वाइंट पर जमा होकर निजी कंपनी के ट्रीपर को कोयला ढुलाई नहीं करने दी। बंद से राजमहल परियोजना को तकरीबन 100 करोड़ रुपए के नुकसान का दावा ट्रेड यूनियनों की ओर से किया गया है। हड़ताल के संबंध में सीटू के वरीय नेता डॉ राधेश्याम चौधरी ने कहा कि श्रमिक संगठनों की हड़ताल सफल रही। मजदूरों के हितों में ट्रेड यूनियन ने कार्यस्थलों पर उतरकर प्रदर्शन किया और कोयला उत्पादन और ढुलाई को करीब पांच घंटे से अधिक समय तक बाधित किया गया। कहा कि हड़ताल ऐसे समय में हुई जब कोल इंडिया को समाप्त करने की साजिश की जा रही है। इस आंदोलन से अलग रहने वाले संगठन ने मजदूर विरोधी कदम उठाया है।

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बीएमएस मजदूरों के हितों के लिए कृत संकल्पित : बीके राय

राजमहल परियोजना में हुई खदान बंदी को भारतीय मजदूर संघ ने राजनीतिक करार दिया है। बीएमएस नेता बीके राय ने कहा कि बीएमएस इस बंद से अलग रहा। उन्होंने बताया कि बीएमएस मजदूर हितों के लिए काम करता है। बीएमएस तीन दिनों से ज्यादा समय तक बंदी करने के पक्ष में था। उन्होंने कहा कि संयुक्त ट्रेड यूनियनों की मांग में कोयला उद्योग के अलावा अन्य संस्थानों की मांगें भी शामिल की गई थी। उन्होंने बताया कि बीएमएस कोयला उद्योग के स्वामित्व को लेकर आंदोलन न करते हुए मजदूर हितों के लिए आंदोलन कर रहा है तथा सरकार से वेतन समझौता के माध्यम से आउटसोर्सिंग मजदूरों के हितों के लिए आंदोलन की सोच रखता है। कहा कि सरकार यदि निजी कंपनियों में नियुक्त मजदूरों को भी तमाम सुविधाएं एवं वेतन उपलब्ध कराती है तो भारतीय मजदूर संघ को इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी।

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संयुक्त ट्रेड यूनियन की हड़ताल का परियोजना के कोयला उत्पादन में आंशिक असर पड़ा है। यहां औसतन 50 हजार टन कोयले का उत्पादन होता था। हड़ताल के कारण 3 हजार टन कोयले का उत्पादन कम हुआ है ।ओबी की कटाई और कोयला प्रेषण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

- डीके नायक, जीएम, राजमहल परियोजना, ललमटिया।


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