चीनी वस्तुओं का करें बहिष्कार
चीन निíमत वस्तुओं का करें बहिष्कार राजेश
गोड्डा : भारत सरकार से क्षेत्रीय व्यापक आíथक साझेदारी (आरसीईपी)पर हस्ताक्षर नहीं करने की मांग को लेकर स्थानीय शहीद स्मारक परिसर में स्वदेशी जागरण मंच एवं भारतीय मजदूर संघ के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय धरना दिया गया। इसके उपरांत एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन अपर समाहर्ता को सौंपा। इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संयोजक राजेश उपाध्याय ने कहा कि सरकार 15 देशों के साथ आरसीइपी नाम से मुक्त व्यापार समझौता की ओर अग्रसर हो रही है। इसमें 80-95 प्रतिशत वस्तुओं पर आयात शुल्क का प्रावधान किया जा रहा है। यदि यह समझौता होता है तो इससे भारत के उद्योगों, कृषि एवं डेयरी उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसके कारण न केवल इन क्षेत्रों में बिना शुल्क आयात बढ़ने के कारण उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इससे नवीन क्षमताओं की संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी। काफी समय से चल रहे मेक इन इंडिया के प्रयासों पर विराम लग जायेगा। सस्ते चीनी सामानों के कारण अधिकांश उद्योग या तो बंद हो चुके हैं या मंदी की कगार पर खड़े। ऐसे में आरसीइपी 80 प्रतिशत चीनी उत्पादों पर शून्य आयात शुल्क की प्रतिबद्धता समय से परे है। उन्होंने आम लोगों को चीनी उत्पादों का उपयोग नहीं करने का आह्वान किया। उपयोग नहीं करने पर ही मेक इन इंडिया का अस्तित्व बच सकता है। इसके अलावा स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत सह संयोजक ज्ञानदेव झा, कोष प्रमुख विसु कुमार, जिला सह संयोजक राजेश कुमार झा, अजय कुमार चौधरी , स्वदेशी जागरण मंच के जिला संघर्ष वाहिनी प्रमुख जिशु राम हेम्ब्रम, भामस के जिला मंत्री अमरनाथ साह, निरंजन सिंह आदि ने भी विचार व्यक्त किया। धन्यवाद ज्ञापन जिला संयोजक अंगद उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर दर्जनों कार्यकर्ता व स्थानीय लोग उपस्थित थे।