स्कूल का इंतजार क्यों, एप गुरु है न
डॉ. प्रणेश, गोड्डा: सवालों के जवाब के लिए छात्र अब शिक्षक और स्कूल का इंतजार नहीं करते है
डॉ. प्रणेश, गोड्डा: सवालों के जवाब के लिए छात्र अब शिक्षक और स्कूल का इंतजार नहीं करते हैं। जेब से स्मार्ट फोन निकालते हैं और उसमें प्रश्न लिखते हैं। कुछ देर बाद ही उन्हें उसका उत्तर मिल जाता है। जी हा, गोड्डा जिले में इन दिनों एप गुरु लोकप्रिय हो गया है और यहा के बच्चे अपेक्षाकृत अधिक स्मार्ट।
दरअसल, जिले के 50 उच्च विद्यालयों और इंटरमीडिएट स्कूलों में ज्ञानोदय गोड्डा एप से पढ़ाई शुरू की गई। यह एप जिला प्रशासन की पहल पर बना। शिक्षकों की कमी झेल रहे स्कूलों के लिए यह वरदान साबित हुआ। बेहतर परिणाम को देखते हुए प्रशासन ने 107 अन्य विद्यालयों में भी स्मार्ट क्लास शुरू करने की योजना बनाई है। जिन स्कूलों में पहले से स्मार्ट क्लास की सुविधा है वहा क्लास की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसपर आनेवाले खर्च का वहन अडानी फाउंडेशन करेगा। ज्ञानोदय एप से छात्र अपने स्मार्ट फोन से विद्यालय के शिक्षकों से जुड़े रहेंगे। अगर अध्ययन के दौरान कहीं कोई समस्या आती है तो वे एप मैसेंजर के जरिए इसका समाधान कर सकते हैं। इसके लिए छात्रों को अगले दिन विद्यालय पहुंचने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
---------
अडानी फाउंडेशन खर्च करेगा 7.50 करोड़
एक स्कूल में स्मार्ट क्लास पर करीब एक लाख रुपये का खर्च आ रहा था। चूंकि यह व्यवस्था उपायुक्त की पहल पर की गई इसलिए जिले में ही इसके लिए कोष की जुगत करनी थी। 50 स्कूलों के लिए प्रशासन ने सरकारी राशि का उपयोग किया। मगर, अन्य स्कूलों के लिए फंड मुश्किल था। तब अडानी फाउंडेशन से पहल करने को कहा गया। कंपनी ने इसे स्वीकार कर लिया। पाच वर्षो में अडानी कंपनी इस शिक्षा व्यवस्था पर करीब 7.50 करोड़ रुपये सीएसआर मद से खर्च करेगी। इनमें 1.57 करोड़ रुपये 157 स्कूलों में प्रणाली स्थापित (सिस्टम इंस्टॉल) करने पर खर्च होंगे। 1.98 करोड़ रुपये सॉफ्टवेयर विकसित करने और कर्मियों के वेतन मद में दिए जाएंगे। एप का संचालन और अपडेट करने की जिम्मेदारी निजी कंपनी इकोवेशन को दी गई है। यह कंपनी बदलाव का फीडबैक भी प्रशासन को देगा। इस बाबत पिछले दिनों अडानी पावर व इकोवेशन के बीच करार हुआ। प्रशासन ने अब जिले के 474 मध्य विद्यालयों में भी स्मार्ट क्लास शुरू करने की योजना बनाई है।
पड़ोसी जिले का अनुकरण : पड़ोसी जिले बाका (बिहार) में संचालित उन्नयन कार्यक्रम का गोड्डा ने अनुकरण किया है। गत दिनों गोड्डा दौरे पर आए केंद्रीय उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. डीएस गंगवार ने इस कार्यक्रम के बारे में बताया था। बताया गया कि बाका प्रशासन ने शिक्षकों की कमी को दूर करने और ड्राप आउट बच्चों को रोकने के लिए आइटीआइ मुंबई के सहयोग से सॉफ्टवेयर विकसित किया। इस सॉफ्टवेयर आधारित पढ़ाई को उन्नयन कक्षा का नाम दिया गया था। इसी तर्ज पर गोड्डा प्रशासन ने ई-लर्निग क्लास की शुरुआत की और सूबे के पाठ्यक्रम से संबंधित ज्ञानोदय गोड्डा एप तैयार किया।
-------------
गोड्डा के 50 विद्यालयों में ई लर्निग क्लास चल रही है। इसके बेहतर परिणाम मिले हैं। अब 107 अन्य विद्यालयों में भी इसकी व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए अडानी फाउंडेशन संसाधन व इकोवेशन कंपनी तकनीकी सहायता उपलब्ध करा रही है। इसके लिए दोनों कंपनियों के बीच पाच साल का करार हुआ। भविष्य में 474 मध्य विद्यालयों में भी ई लर्निग क्लास की सुविधा होगी।
- किरण कुमारी पासी, उपायुक्त, गोड्डा