55 साल पहले बनी पुल जर्जर, सुध कब लेगी सरकार?
फोटो 20 संवाद सहयोगी पोड़ैयाहाट प्रखंड के घनश्यामपुर नहर पर बने पुल जहां झारखंड और बिहार दोनों को जोड़ता है वह आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है। आश्चर्य तो इस बात का है कि बीते 22 अक्टूबर को इसी पुल के किनारे सांसद और विधायक ने नहर के पक्कीकरण को लेकर जमकर राजनीति की और अलग-अलग समय में नहर का दो बार शिलान्यास भी किया। बावजूद किसी की भी नहर के इस जर्जर पुल पर नहीं ध्यान नहीं दिया। किसी बड़े हादसे का निमंत्रण दे रहा है यह पुलिया अंदर से खोखला हो गया है। ग्रामीण श्याम नारायण मंडल ने बताया कि यह पुल 70 के दशक में बना था।
संवाद सहयोगी , पोड़ैयाहाट : प्रखंड के घनश्यामपुर नहर पर बने पुल जहां झारखंड और बिहार दोनों को जोड़ता है, वह आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है। आश्चर्य तो इस बात का है कि बीते 22 अक्टूबर को इसी पुल के किनारे सांसद और विधायक ने नहर के पक्कीकरण को लेकर जमकर राजनीति की और अलग-अलग समय में नहर का दो बार शिलान्यास भी किया। बावजूद किसी की भी नहर के इस जर्जर पुल पर नहीं ध्यान नहीं दिया। किसी बड़े हादसे का निमंत्रण दे रहा है यह पुलिया अंदर से खोखला हो गया है। ग्रामीण श्याम नारायण मंडल ने बताया कि यह पुल 70 के दशक में बना था। उस समय आबादी भी इस क्षेत्र की कम थी। नहर पर बना पुल अब बेहद कमजोर हो गया है। पुल के अंदर से ढलाई और छड़ एक दूसरे को छोड़ने लगे हैं। पुल के ऊपर ढलाई कर अभी किसी तरह काम चलाया जा रहा है। वही सब्जी उत्पादक मिथिलेश मंडल का कहना है कि यह पुल बिहार और झारखंड को जोड़ता है। खास करके घनश्यामपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में काफी संख्या में सब्जी का उत्पादन होता है। इसे लेकर यहां बराबर ट्रक का आना जाना लगा रहता है। ऐसे में पुल किसी हादसे का सबब नहीं बन जाए और यहां के लोगों का आवागमन ठप नहीं पड़ जाए। इसके लिए समय रहते नया पुल का निर्माण किया जाना चाहिए। ग्रामीणों ने सभी जनप्रतिनिधि से पुल निर्माण के लिए आग्रह किया है ताकि सभी के सामुदायिक प्रयास से नया पुल का निर्माण किया जा सके ।