नो प्लास्टिक जोन बनेगा बिरसा कृषि कॉलेज
प्रधानमंत्री के सपने को साकार कर रहे हैं कृषि महाविद्यालय की छात्र-छात्राएं
पोडै़याहाट : गोड्डा स्थित बिरसा कृषि महाविद्यालय के छात्र-छात्रा ने प्लास्टिक मुक्त समाज के निर्माण की दिशा में पहल शुरू की है। कृषि महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आह्वान को अपना उद्देश्य बनाकर इसे अंजाम तक पहुंचाने का काम शुरू किया है। कॉलेज के डीन डॉ पुष्पेंद्र सरोज एवं अन्य प्राध्यापकों ने हाथों में बोरियां लेकर कॉलेज कैंपस सहित आसपास के जंगल झाड़ियों में प्लास्टिक चुनने का सिलसिला शुरू किया। इन युवाओं ने देश के प्रधानमंत्री के प्लास्टिक मुक्त भारत के सपने को साकार करने के आह्वान को एक संकल्प के रूप में लिया है। उस पर अमल की शुरुआत भी कर दी है। एग्रीकल्चर कॉलेज की छात्रा शालिनी, ऐश्वर्या वर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री का संदेश उस समय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण लगा जब इस बार बारिश ने पटना में भीषण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर दी। इसका एक सबसे जबरदस्त कारण था, सीवर में प्लास्टिक का फंस जाना। जहां तहां प्लास्टिक के द्वारा नाले को जाम कर दिया जा रहा है। यहां के छात्रों ने इसे मिशन मोड़ पर चलाने का संकल्प लिया है। अब इस कैंपस के अधीन किसी को भी सिगल यू•ा प्लास्टिक का उपयोग करने की इजाजत नहीं है। जुर्माने की राशि अनाथालय को होगी भेंट : अध्ययनरत छात्रों ने सिगल यूज प्लास्टिक को रोकने के लिए एक कमेटी का गठन किया है जो इस पर कड़ी निगरानी रखेगी। ये भी प्रावधान किया है कि जो भी बच्चे या शिक्षक प्लास्टिक का इस्तेमाल करते पकडे़ जाएंगे, उन्हें आíथक रूप से दण्डित किया जाएगा। छात्रा साक्षी प्रिया ने बताया कि दंड स्वरुप जो भी रकम आएगी उन्हें अनाथ आश्रम को दान किया जायेगा जिनसे वहां के बच्चों को भी कुछ आíथक मदद मिलेगी। साथ ही समाज में भी एक अच्छा संदेश जाएगा। युवाओं की सोच इससे भी आगे : यह पूछे जाने पर कि प्लास्टिक को इकठ्ठा कर लिए जाने के बाद उसको क्या करना है तो छात्र अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि सभी ने यह निर्णय लिया है कि कॉलेज परिसर के सामने सड़क का निर्माण इसी प्लास्टिक कचरे से किया जाएगा। ------------------------
19 नवंबर को यह महाविद्यालय एक वर्ष पूरा करने जा रहा है। पहली वर्षगांठ पर कॉलेज को नो प्लास्टिक जॉन बनाकर जिले को एक सन्देश दिया जाएगा। इससे अन्य प्रतिष्ठान भी प्रेरित होंगे। सही मायनों में अगर इस तरह की सोच विकसित हो तो पूरा देश प्लास्टिक मुक्त बन सकता है।
- डॉ पुष्पेंद्र सरोज, डीन, बिरसा कृषि कॉलेज, गोड्डा।