मधुरा राय टोला में मूलभूत सविधाओं का टोटा
मेहरमा : प्रखंड के मधुरा राय टोला की स्थिति काफी दयनीय है। यहां अब भी पहुंचने के लिए सड़
मेहरमा : प्रखंड के मधुरा राय टोला की स्थिति काफी दयनीय है। यहां अब भी पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। टोले में बिजली व पानी की तो पूछिए मत। इस कारण लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी लोगों को पक्की सड़क नहीं रहने के कारण हो रही है। इस आधुनिक युग में भी ग्रामीणों के आवागमन के लिए पगडंडी ही मात्र सहारा है। इस वजह से इस टोले में न तो जनप्रतिनिधि जाते हैं और न ही अधिकारी। गांव के कारू राय ने बताया कि टोले की आबादी करीब 300 है। इनमें करीब सौ वोटर हैं। गांव से मुख्य सड़क तक करीब पांच सौ फीट पगडंडी है। बरसात के दिनों में गांव टापू में तब्दील हो जाता है। वीरेंद्र राय ने बताया कि गांव में ना तो स्कूल है ना आंगनवाड़ी केंद्र। बच्चों को पठन-पाठन के लिए बगल के गांव लोह¨चता जाना पड़ता है। छोटे बच्चों का नाम मधुरा गांव में स्थित आंगनवाड़ी केंद्र में है जहां बच्चे नहीं जा पाते हैं। वीरेंद्र राय ने बताया कि टोले के सात लाभुकों का प्रधानमंत्री ग्राम आवास स्वीकृत हुआ है। निर्माण सामग्री गांव तक नहीं पहुंच पाने के कारण सभी अधूरा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वीकृत सभी 10 शौचालय को किसी तरह पूरा कर लिया गया है। श्रवण राय ने बताया कि बरसो पूर्व टोले में बिजली का दो पोल लगाकर छोड़ दिया गया है। विद्युतीकरण नहीं होने के कारण ढिवरी युग में जीवन यापन करना पड़ता है। डोली कुमारी ने बताया कि गांव तक पक्की सड़क नहीं रहने के कारण उन लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सरकार की ओर से बच्चों के पठन-पाठन के लिए किताब, पोशाक, एडीएम, साइकिल सहित सभी प्रकार की सुविधा दे रही है परंतु सड़क नहीं रहने के कारण उन्हें स्कूल जाने में परेशानी होती है। आरती देवी ने बताया कि सड़क नहीं रहने के कारण सबसे अधिक परेशानी लोगों के बीमार होने पर होती है। उन्हें चारपाई पर टांग कर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती है। पंचायत की मुखिया अजमेरा खातून ने बताया कि गांव तक सरकारी जमीन है। ग्रेड वन सड़क किसी तरह बन जाए तो 14वें वित्त आयोग से उस पर उनके द्वारा पीसीसी बनवाया जा सकता है। कहा कि ग्रेड वन के लिए आम सभा में प्रस्ताव लिया गया है।