पानी के आभाव में पीला पड़ रहा धान का बिचड़ा
महागामा प्रखण्ड सहित हनवारा क्षेत्रों में बारिश के इंतजार में किसानों की आंखें पथरा गई है। किसान आकाश की तरफ टकटकी लगाए रहते हैं।
महागामा : महागामा प्रखण्ड सहित हनवारा क्षेत्र में बारिश के इंतजार में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें छा गई हैं। किसान आकाश की तरफ टकटकी लगाए रहते हैं। इस तरह का मौसम देखकर किसानों का हलक सूख रहा है। बारिश नहीं होने से किसान काफी मायूस व परेशान हैं। महागामा प्रखंड क्षेत्रों के किसान मो इब्राहिम, मंदेश्वर पासवान, सुधीर यादव सहित अन्य ने बताया कि प्रखण्ड क्षेत्र में हजारों हेक्टेयर भूमि में धनरोपनी शुरू नहीं हो पाई है। बारिश नहीं होने से खेत तैयार नहीं हुए हैं और न ही बिचड़ा ही तैयार हुआ है। धान का जो बिचड़ा बोया हुआ है वह भी पीला हो रहा है। मरने की स्थिति में है। पिछले वर्ष भी अच्छी बारिश नहीं होने के कारण महागामा प्रखंड सूखा की मार झेल चुका है। किसानों के जानवर गाय, बैल, भैंस आदि को खिलाने के लिए चारा जुटाना भी चुनौती है। लगातार दूसरे वर्ष भी जिला सूखाग्रस्त घोषित होने के कगार पर है। अगर इस बार भी ऐसा होता है तो लोग अपना पेट भरने के लिए यहां से पलायन को मजबूर हो जाएंगे। जानवर का चारा कहां से उपलब्ध होगा, यह बड़ा सवाल है। महागामा प्रखण्ड में धान, गेहूं की खेती ही जीने का सहारा है। लगातार दो वर्ष सूख का मार झेलने की ताकत यहां के किसानों में नही हैं। जून माह में भी अपेक्षित बारिश नहीं होने के कारण किसानों में मायूसी थी। जुलाई माह में भी औसत से काफी कम बारिश होने से किसान इस वर्ष भी सुखाड़ की आशंका से भयभीत हैं।