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Þखान प्रहरीÞ मोबाइल एप से होगी अवैध खनन की निगरानी

ललमटिया पेज की लीड नोट कोई सटीक लोगो लगा दें संवाद सूत्र ललमटिया डिजिटल इंडिया मुहिम के तहत भारत सरकार के खान मंत्रालय ने कोल इंडिया की तमाम अनुषंगी इकाइयों की तमाम कोलियरियों की निगरानी के लिए मोबाइल ऐप लॉन्च किया है जिसके माध्यम से देश की कोयला खदानों की सटीक निगरानी रखी जा सकेगी। कोल माइंस सर्विलांस एंड मैनेजमेंट सिस्टम ने सीएमपीडीआई एवं एनसीओजी की मदद से यह मोबाइल एप तैयार

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 05:58 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 05:58 PM (IST)
Þखान प्रहरीÞ मोबाइल एप से होगी अवैध खनन की निगरानी
Þखान प्रहरीÞ मोबाइल एप से होगी अवैध खनन की निगरानी

ललमटिया: डिजिटल इंडिया मुहिम के तहत भारत सरकार के खान मंत्रालय ने कोल इंडिया की तमाम अनुषंगी ईकाइयों की तमाम कोलियरियों की निगरानी के लिए मोबाइल एप लांच किया है, जिसके माध्यम से देश की कोयला खदानों की सटीक निगरानी रखी जा सकेगी। कोल माइंस सर्विलांस एंड मैनेजमेंट सिस्टम ने सीएमपीडीआइ एवं एनसीओजी की मदद से यह मोबाइल एप तैयार किया है। खनन प्रहरी नाम से यह एप गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से अपने एंड्रॉयड मोबाइल सेट में डाउनलोड किया जा सकता है। इस एप के माध्यम से आम लोग किसी भी खनन क्षेत्र में चल रही अवैध खनन गतिविधियों को सटीक जीपीएस डाटा के माध्यम से सीधे कोयला मंत्रालय को फोटो भेज सकते हैं। इस एप में गूगल मैप के माध्यम से खदानों का नक्शा एवं वर्तमान स्थिति की जानकारी भी मिल सकेगी। कोयला उत्पादन में लगी देश की तमाम इकाइयों में लगातार अवैध खनन की शिकायतें कोयला मंत्रालय को प्राप्त हो रही थी। इसी शिकायतों को दूर करने के लिए यह एप आम लोगों के लिए उपलब्ध कराई गई है। अब इसके माध्यम से लोग अन्य शिकायतें भी दर्ज करा सकेंगे।

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ईसीएल की राजमहल परियोजना को भी होगा लाभ : इस एप के लांच हो जाने के बाद जिले में कार्यरत ईसीएल की राजमहल परियोजना को भी बड़ा लाभ होने की उम्मीद है। यदि आम लोगों द्वारा इस ऐप का उपयोग किया गया तो क्षेत्र में चल रही तमाम अवैध खनन गतिविधियां रोकी जा सकेगी। बता दें कि राजमहल की ललमटिया कोलियरी में भी कई जगहों पर अवैध खनन का कार्य किया जा रहा है जिससे कोयला निकालकर साइकिल एवं मोटरसाइकिल के माध्यम से बिहार एवं अन्य स्थानीय क्षेत्रों में आम लोग कोयला ले जाकर बेचते हैं तथा अपनी आजीविका चलाते हैं। इससे प्रतिदिन सैकड़ों टन कोयला बाहर भेजा जा रहा है तथा सरकार को राजस्व की हानि भी हो रही है।


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