12 आदिवासियों के घरों को तोड़ा
पोड़ैयाहाट : अभी प्रखंड के मालीगांव का आदिवासियों के फसल रौंदने का मामला ठंडा भी नहीं
पोड़ैयाहाट : अभी प्रखंड के मालीगांव का आदिवासियों के फसल रौंदने का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि बुधवार की दोपहर एकाएक अंचलाधिकारी ने पोड़ैयाहाट प्रखंड की बाघमारा पंचायत के केंदुआ गांव में आदिवासी घरों पर जेसीबी से कहर बरपाया। जेसीबी से तकरीबन 12 घरों को तोड़ दिया गया। इस संबंध में बताया गया कि एकाएक बुधवार की दोपहर बाद अंचलाधिकारी विजय कुमार पुलिस दल-बल के साथ केंदुआ गांव आ धमके। एक तरफ से घर को जेसीबी से तोड़ना शुरू कर दिया। आदिवासी महिलाएं रोते रहे मना करते रहे लेकिन उन्होंने एक नहीं माने और एक घर को क्षतिग्रस्त करना शुरू कर दिया। इन ग्रामीणों को रहने की कोई दूसरी जगह नहीं है। बाल-बच्चा के साथ ही लोग खुले छत के नीचे आ गए हैं। ग्रामीण राजेश टुडू, बाबूलाल टुडू, राजेंद्र मुर्मू ने बताया कि हमलोगों के पूर्वज इस जगह पर घर बनाकर रह रहे थे। लेकिन आज तक किसी ने भी हम लोगों को घर छोड़ने को नहीं कहा। यहां के पदाधिकारी अंग्रेजों से भी ज्यादा क्रूर हो गए हैं। हम लोग अब कहां जाएं। इस धूप और बरसात में हम लोग अब रोड पर आ गए हैं। रहने को कोई जगह नहीं है। उन्हें कुछ पता नहीं था। एकाएक आकर घर तोड़ने लगा। हम लोग घर से सामान बाहर भी नहीं निकाल पाए। ग्रामीणों ने कहा कि हमें पूर्व में कोई सूचना नहीं दी गई है और ना ही किसी तरह की कोई बात कही गई है। इधर, अंचलाधिकारी ने बताया कि यह जमीन गोचर है। इसे लेकर आवेदन दिया गया। इन लोगों को बहुत पहले नोटिस दिया गया है और नोटिस के बाद ही काफी समय इन लोगों को दिया गया। दो-तीन बार इन लोगों से कहा गया लेकिन इन लोगों ने एक नहीं मानी। इधर, गांव में काफी हृदय विदारक ²श्य है। महिलाएं रो रही हैं। राजेश टूडू, बाबूराम टुडू, कालीचरण टूडू, बाबूजी टुडू, सिवल टूडू, राजेंद्र मुर्मू, मसुदन टुडू आदि का घर टूट गया। घटना की जानकारी होने पर झारखंड विकास मोर्चा के विधायक प्रतिनिधि बोलबम कुमार घटनास्थल पर पहुंचकर सीओ विजय कुमार कुमार को विधायक का संदेश सुनाया। उन्होंने कहा कि विधायक ने उपायुक्त से बात कर ली है कि अभी तत्काल से रुकवाया जाए। सभी बैठकर बात करने के बाद ही इस पर कुछ निर्णय लिया जाएगा। बाद में काम को रोक दिया गया। झारखंड एवं बेसी सह रघुनाथपुर के लाठीबाड़ी के मुखिया सिमोन मरांडी भी घटनास्थल पर पहुंचकर इस घटना की भर्त्सना की है। कहा कि है वर्तमान भाजपा सरकार आदिवासियों पर जुल्म ढाना कम नहीं किया गया है। इसका हर हाल में विरोध किया जाएगा। समुदाय की बैठक कर इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा। अंचलाधिकारी विजय कुमार ने कहा यह मामला सीपीग्राम में था। मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता हूं। डेढ़ साल से मामला चल रहा है। आठ दिन पूर्व अल्टीमेटम दिया गया था। सबको रहने का घर भी है। रहने को घर नहीं ऐसा कहीं कोई बात नहीं है। अगर कहीं एक आध आदमी को घर नहीं होगा तो उसके लिए बाद में सोचा जाएगा।