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झारखंड में कोयला लदी मालगाड़ी के 11 डिब्बे बेपटरी, कोयले की आपूर्ति ठप; गहरा सकता है बिजली संकट

Rail accident in godda. झारखंड के गोड्डा में मालगाड़ी के 11 डिब्बे पटरी से उतरे। हादसे के बाद कोयले की ढुलाई बाधित हो गई है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 12:34 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 06:18 PM (IST)
झारखंड में कोयला लदी मालगाड़ी के 11 डिब्बे बेपटरी, कोयले की आपूर्ति ठप; गहरा सकता है बिजली संकट
झारखंड में कोयला लदी मालगाड़ी के 11 डिब्बे बेपटरी, कोयले की आपूर्ति ठप; गहरा सकता है बिजली संकट

गोड्डा/बोआरीजोर, जागरण संवाददाता। ललमटिया से कोयला लेकर फरक्का जा रही मालगाड़ी के 11 डिब्बे मंगलवार की सुबह करीब 6.30 बजे बोआरीजोर थाना क्षेत्र के मेघी गांव के पास बेपटरी हो गए। पटरी भी काफी दूर तक क्षतिग्रस्त हो गई। इस वजह से मेरी गो राउंड (एमजीआर) लाइन पर परिचालन ठप हो गया है। यह लाइन एनटीपीसी का है। इस लाइन से उसे ही कोयले की आपूर्ति की जाती है। मालगाड़ी पलटने की वजह से एनटीपीसी फरक्का को ललमटिया से कोयले की आपूर्ति ठप हो गई है। प्लांट में मात्र डेढ़ दिन के कोयले का स्टॉक है। बिजली संकट गहरा सकता है। 2100 मेगावाट क्षमता के इस प्लांट में कोयले की कमी के चलते मात्र 1600 मेगावाट उत्पादन हो रहा है। कोयले की कमी को देखते हुए एनटीपीसी ने रेलवे से कोयले की आपूर्ति का अनुरोध किया है। 

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घटना की जानकारी मिलने के बाद एनटीपीसी के जीएम (परिचालन एवं रखरखाव) बाबजी, एनटीपीसी के सलाहकार डीके झा, एमजीआर इंचार्ज प्रदीप कुमार, एनटीपीसी के डिस्चार्ज मैनेजर एके मिश्रा मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। इसमें कम से कम दो दिन लगेंगे। इस मामले में बोआरीजोर थाने में मामला दर्ज कराया गया है जिसमें पटरी से छेड़छाड़ की आशंका व्यक्त की गई है। घटना की जानकारी मिलने के बाद आसपास के ग्रामीण जमा हो गए और करीब आठ बोगी का कोयला उठाकर ले गए। तीन बोगी को सीधा कर लिया गया है। इस रेल लाइन से प्रतिदिन चार से पांच रैक कोयले की ढुलाई फरक्का को की जाती है। ललमटिया के लोडिंग प्वांइट से करीब 17वें किलोमीटर पर यह दुर्घटना हुई। इस रैक में 44 बोगी थी।

देखदेख के लिए तैनात हैं 600 ठेकाकर्मी
ललमटिया से कोयले की ढुलाई के लिए दो लाइन बिछाई गई है। एक लाइन ललमटिया से कहलगांव तो दूसरी लाइन ललमटिया से फरक्का तक है। ललमटिया-फरक्का रेललाइन 82 किलोमीटर लंबी है। उसका रखरखाव भी एनटीपीसी द्वारा ही किया जाता है। इसके लिए करीब 600 ठेकाकर्मियों को रखा गया है। इसका पर्यवेक्षण एनटीपीसी द्वारा ही किया जाता है। एनटीपीसी के डिस्चार्ज मैनेजर एके मिश्रा ने कहा कि दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

सुरक्षा नियमों की हो रही अनदेखी
एमजीआर ट्रैक पर पहले भी दुर्घटना हो चुकी है। सुरक्षा नियमों की अनदेखी की वजह से हादसा होने की बात कही जा रही है। नियमत: मालगाड़ी के गुजरने से पहले लाइन की जांच जरूरी है। दूसरी ओर ललमटिया से बरहेट के बीच ही लगातार दुर्घटना हो रही है। पिछले माह ही इस तरह की घटना हुई थी जिसकी जांच अब तक पूरी नहीं हो पाई है। इस वजह से इसके लिए जिम्मेदार लोगों को भी चिह्नित नहीं किया जा सका है।


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