पीरटांड़ में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था, ग्रामीणों में नाराजगी
संवाद सहयोगी पीरटांड़ (गिरिडीह) प्रखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराती नजर आ रही है। व्यवस्था क
संवाद सहयोगी, पीरटांड़ (गिरिडीह): प्रखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराती नजर आ रही है। व्यवस्था को लेकर प्रखंडवासियों में रोष है। लोगों ने चिकित्सकों व कर्मियों पर मनमानी करने का भी आरोप लगाया है।
ग्रामीण उमेश साव, बलदेव यादव, अशोक हेंब्रम, राधेश्याम मदक, महादेव सेन आदि बताते हैं कि पीरटांड़ के 15 स्वास्थ्य केंद्रों में मात्र तीन केंद्र पालगंज, पीरटांड़ व मधुबन में ही कभी-कभी चिकित्सक बैठते हैं। बाकी केंद्र बंद ही रहते हैं। कभी-कभी नर्सें केंद्रों को खोलती हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए जाने वाले कार्यक्रमों को ले प्रचार-प्रसार नहीं किया जाता है।
फर्जी निकासी मामले में नहीं हुई कार्रवाई: पीरटांड़ सीएचसी के खिलाफ पंचायत समिति, जिला परिषद, बीस सूत्री समिति, निगरानी समिति सभी में लगभग 10 सालों से मामला उठता रहा है। यहां के प्रमुख सिकंदर हेम्ब्रम, सांसद प्रतिनिधि श्याम प्रसाद, विधायक प्रतिनिधि बबलू साव, आजसू प्रखंड अध्यक्ष मेराज आलम, झामुमो प्रखंड अध्यक्ष महावीर मुर्मू, झाविमो प्रखंड अध्यक्ष शमसाद आलम, बीस सूत्री अध्यक्ष शरत भक्त समेत तमाम जनप्रतिनिधियों का कहना है कि उन्होंने कई सदनों में मामला उठाया, लेकिन अब कोई कार्रवाई नहीं हुई है।