डॉक्टर ने छोड़ी नौकरी, फिर भी दो दिनों से लग रही ड्यूटी
जागरण संवाददाता, गिरिडीह: चिकित्सकों की कार्यप्रणाली में सुधार होने का नाम नहीं ले रहा
जागरण संवाददाता, गिरिडीह: चिकित्सकों की कार्यप्रणाली में सुधार होने का नाम नहीं ले रहा है। गत रात एक नवजात की मौत के बाद उसके परिजनों द्वारा किए गए हंगामे के बाद भी किसी ने सबक नहीं ली। शुक्रवार को मातृ शिशु स्वास्थ्य केंद्र में संचालित एसएनसीयू में एक भी चिकित्सक नहीं थे। नतीजतन यहां नवजात को लेकर आए बच्चे के माता-पिता को यह कहकर लौटा दिया जा रहा था कि यहां कोई डॉक्टर नहीं हैं। सबसे अचरज की बात तो यह है कि जिस चिकित्सक की ड्यूटी दो दिनों से लगाई जा रही है, उनका कहना है कि उन्होंने तो काम ही छोड़ दिया है।
डेढ़ महीने के बच्चे को नावाडीह की अर्चना देवी, 10 दिन के बच्चे को लेकर महेशलुंडी की सुषमा देवी एवं ढाई साल के बच्चे को लेकर शास्त्रीनगर से आए अविनाश कुमार ने बताया कि सुबह से यहां डॉक्टर के इंतजार में बैठे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई नहीं आया है। उनके साथ दर्जनों लोग बच्चे को लेकर आए थे, जिन्हें नियोनेटल में आने भी नहीं दिया गया। सभी को यह कहकर सदर अस्पताल जाने को कहा गया कि यहां कोई चाइल्ड स्पेशलिस्ट नहीं है।
जब इसी सूचना दैनिक जागरण की ओर से सिविल सर्जन डॉ. रामरेखा प्रसाद को देते हुए पूछा गया कि अभी तक कोई चिकित्सक नियोनेटल में क्यों नहीं है तो उन्होंने कहा कि रोस्टर के अनुसार ड्यूटी तो डॉ. संदीप कुमार की है। अब देखते हैं.. डीएस से पूछते हैं। सीएस को फोन करने के 10 मिनट बाद उपाधीक्षक सह सर्जन डॉ. बीएन झा वहां पहुंचे और बच्चों का इलाज किया।
इधर डॉ. संदीप कुमार का कहना है कि उन्होंने काम छोड़ दिया है, इसकी सूचना सीएस को भी दे चुके हैं।