विश्व यक्ष्मा दिवस पर लिया जिले को टीबीमुक्त करने का संकल्प
सदर अस्पताल परिसर स्थित एएनएमटीसी सभागार में रविवार को विश्व यक्ष्मा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ रामरेखा सिंह बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।
जागरण संवाददाता, गिरिडीह: सदर अस्पताल परिसर स्थित एएनएमटीसी सभागार में रविवार को विश्व यक्ष्मा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें सिविल सर्जन डॉ. रामरेखा सिंह बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।
मौके पर उपस्थित चिकित्सकों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व एएनएम को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि गांव से लेकर शहर तक के घरों में जाकर यक्ष्मा रोगियों की पहचान करने की जरूरत है, ताकि जिले को यक्ष्मा रोग से पूरी तरह मुक्त कराया जा सके। इस अभियान के तहत लक्ष्य को हासिल करने में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। साथ ही प्राइवेट प्रैक्टिशनर से टीबी उन्मूलन को लेकर टीबी नोटिफिकेशन को बढ़ाने की सलाह दी गई। इसके तहत जिले को वर्ष 2025 तक यक्ष्मारोग से मुक्त कराने का संकल्प लिया गया।
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार खेतान ने जिले में यक्ष्मा से संबंधित चल रहे कार्यक्रमों, संरचना व उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कहा कि दो सप्ताह से अधिक समय तक अगर लगातार खांसी की शिकायत है तो वह टीबी का रूप ले सकती है। ऐसे में खांसी से पीड़ित मरीज को समय पर बलगम की जांच कराने की जरूरत है। टीबी के इलाज के लिए निक्ष्य पोषण योजना के तहत प्रत्येक टीबी मरीज को पांच सौ रुपये प्रतिमाह पोषाहार राशि के लिए भुगतान किया जाता है।
मौके पर रेडक्रॉस सोसाइटी के उपाध्यक्ष मदनलाल विश्वकर्मा, अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. बीएन झा, डॉ. एपीएन देव, डॉ. सुनील कुमार सिंह, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. रचित खेतान के अलावा यक्ष्मा केंद्र व अस्पताल के कर्मचारी व अन्य लोग मौजूद थे।