Move to Jagran APP

राशि खर्च करने में कल्याण विभाग सबसे पीछे

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: सरकारी की ओर से विकास एवं अन्य मदों में उपलब्ध कराई जा रह

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 08:11 PM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 08:11 PM (IST)
राशि खर्च करने में कल्याण विभाग सबसे पीछे
राशि खर्च करने में कल्याण विभाग सबसे पीछे

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: सरकारी की ओर से विकास एवं अन्य मदों में उपलब्ध कराई जा रही राशि को खर्च करने में कल्याण विभाग फिसड्डी साबित हो रहा है। गत दो साल के अंदर विभाग ने करीब आठ करोड़ रुपये सरेंडर कर दिए हैं। यह खुलासा शनिवार को झारखंड विधानसभा की जिला परिषद एवं पंचायती राज समिति की ओर से विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों के साथ की गई समीक्षा बैठक के दौरान हुआ। इसे लेकर संबंधित पदाधिकारी को फटकार भी लगी।

loksabha election banner

बैठक में अनुपस्थित रहने वाले खनन एवं ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारी को शोकॉज किया गया। साथ ही 15 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण के साथ तीन साल का प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।

समिति के सभापति सह विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी ने कहा कि चिकित्सा अनुदान, छात्रवृत्ति सहित अन्य मदों में कल्याण विभाग को उपलब्ध कराई जाने वाली राशि का समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। दो साल में इस विभाग ने करीब आठ करोड़ रुपया सरकार को लौटा दिया है। समिति ने इसे गंभीरता से लिया है। इसकी शिकायत कल्याण सचिव से की करते हुए आवश्यक निर्देश दिया जाएगा। सरकार से विभाग को ऐसे भी कम राशि मिलती है, लेकिन दी जाने वाली राशि को भी यह विभाग खर्च नहीं कर पा रहा है, जो ¨चता की बात है।

शिक्षा और कल्याण विभाग की रिपोर्ट में भिन्नता: बैठक में शिक्षा और कल्याण विभाग की रिपोर्ट में काफी भिन्नता पाई गई। छात्रों को छात्रवृत्ति भुगतान नहीं होने का कारण कल्याण विभाग ने आधार सी¨डग और बैंक खाता नहीं खुलना बताया, जबकि शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 97 फीसद विद्यार्थियों की आधार सी¨डग हो चुकी है। 90 फीसद विद्यार्थियों का बैंक खाते भी खोले जा चुके हैं।

लाभुकों के चयन पर उठे सवाल: कल्याण विभाग ने मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति ग्रामीण विकास योजना के तहत 97 लाभुकों की सूची उपलब्ध कराई है। इन लाभुकों को 2-2 लाख रुपये का भुगतान किया जाना है। इन लाभुकों का चयन किस आधार पर किया गया, इसका संतोषजनक जवाब विभाग के पदाधिकारी नहीं दे पाए।

मैनपावर की कमी से प्रभावित हो रहे कार्य: समिति के सदस्य सह विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने बताया कि आपूर्ति और कल्याण विभाग में मैनपावर की काफी कमी है। आपूर्ति विभाग में मात्र 6 एमओ हैं, जबकि यहां 13 प्रखंड हैं। इसी तरह कल्याण विभाग में एक भी प्रखंड कल्याण पदाधिकारी नहीं हैं। इस कारण इन विभागों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं, जबकि ये दोनों काफी महत्वपूर्ण विभाग हैं।

आज फिर होगी समीक्षा: सभापति शाहाबादी ने बताया कि संबंधित विभागों के पदाधिकारियों को गत तीन साल का प्रतिवेदन सात प्रतियों के साथ बैठक में भाग लेने का निर्देश दिया गया था। काफी विभागों की समीक्षा नहीं हो पाई। रविवार को पुन: बैठक कर वैसे विभागों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। बैठक में समिति के सदस्य विधायक गंगोत्री कुजूर, अमित मंडल और रवींद्र कुमार महतो के अलावा उप विकास आयुक्त मुकुंद दास सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.