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मौसम ने बदला मिजाज, जनजीवन प्रभावित

जमुआ प्रखंड के झारखण्डधाम क्षेत्रो में रविवार सुबह से ही पूरे दिन धुंध बादल घिरे रहने से भगवान भाष्कर छुपे रहे वही हल्की बूंदाबांदी ने पुन पारा लुढ़काकर दोहरी ठंढ ला कर खड़ा कर दी लोग दिनभर अपने अपने घरों में गर्म कपड़े में लिपटे रहे ऐसी सर्द मौसम के वजह से लोग एक जगह से दूसरे जगह आवाजाही भी नही कर सके जिससे लोगो की कार्य भी प्रभावित रहा इस दौरान ठिठुरते ठंढ के वजह से जान माल को भी लोगो ने घर से निकलने नही दी यह स्थिति बार बार रहने से इन साल

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 09:02 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 06:23 AM (IST)
मौसम ने बदला मिजाज, जनजीवन प्रभावित
मौसम ने बदला मिजाज, जनजीवन प्रभावित

गिरिडीह : रविवार को हुई बिन मौसम बारिश से एक बार फिर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अहले सुबह से घंटों तक बारिश होती रही, जबकि दिनभर आसमान में बादल छाए रहे। घंटों तक कोहरा भी छाया रहा। जिस कारण तापमान में गिरावट होने के साथ-साथ ठंड में भी वृद्धि हो गई है। लोग ठंड से परेशान रहे। पूरे जिला में बारिश और ठंड की वजह से जन जीवन प्रभावित रहा।

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मकरसंक्रांति के बाद तापमान में वृद्धि हो रही थी। ठंड भी धीरे-धीरे कम होने लगी थी। ऐसा लग रहा था कि अब कुछ दिन बाद हाड़ कंपानेवाली ठंड से निजात मिल जाएगी, लेकिन रविवार को हुई बारिश ने एक बार फिर ठंड को बढ़ा दिया है। बारिश की वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। मजदूरों, रिक्शा व ठेला चालकों, फुटपाथ दुकानदारों आदि को अधिक परेशानी हुई। दूसरी ओर खेतों में लगी आलू, टमाटर, सरसों आदि फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है।

झारखंडधाम : जमुआ प्रखंड के झारखंडधाम क्षेत्र में सुबह से ही पूरे दिन धुंध बादल के घिरे रहने से भगवान भाष्कर छुपे रहे। वहीं हल्की बूंदाबांदी ने पुन: पारा को लुढ़काकर दोहरी ठंड ला दी। लोग दिनभर अपने अपने घरों में गर्म कपड़ों में लिपटे रहे। ऐसे सर्द मौसम की वजह से लोग एक जगह से दूसरे जगह आवाजाही भी नहीं कर सके जिससे उनका कार्य भी प्रभावित हुआ। इस दौरान ठिठुरते ठंढ की वजह से अपने जानवरों को भी लोगों ने घर से निकलने नहीं दिया। यह स्थिति बार बार रहने से इन साल किसानों को भारी क्षति पहुंच रही है। असमय मौसम के बदलाव से आलू, सरसों, अरहर, साग, सब्जी व फसल को नुकसान पहुंचा है। वहीं किसानों के खेत खलिहानों में रखे धान तथा बिचाली बारिश से सड़ने की स्थिति में आती जा रही है। जहां से किसान काफी मेहनत कर फसल उत्पादन का करते हैं लेकिन इस बार प्रकृति की मार ने लोगों की कमर ही तोड़ दी है। फसल की अच्छी पैदावार नहीं हो पाने से लोग इस बार कर्ज में डूब जा रहे हैं।


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