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फिर आ रहा रमजान, लेकिन जलसंकट का नहीं हुआ समाधान

सभी को बस एक ही चिता रहती है कि किसी तरह आज पानी का जुगाड़ हो जाए। शहर के कोलडीहा नीचे मोहल्ला में यह नजारा आम है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 11:11 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 11:11 PM (IST)
फिर आ रहा रमजान, लेकिन जलसंकट का नहीं हुआ समाधान
फिर आ रहा रमजान, लेकिन जलसंकट का नहीं हुआ समाधान

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: शरीर को झुलसाने वाली बैशाख माह की गर्मी। दोपहर का समय। इसके बावजूद इसी तपती धूप में पानी के लिए महिलाएं और बच्चियां पसीना बहाती हैं। उन्हें इस भीषण गर्मी में न तेज धूप की परवाह होती है और न ही तबीयत बिगड़ने का डर। सभी को बस एक ही चिता रहती है कि किसी तरह आज पानी का जुगाड़ हो जाए। शहर के कोलडीहा नीचे मोहल्ला में यह नजारा आम है।

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एक माह से नहीं मिल रहा पानी: मोहल्ले वासियों ने बताया कि इस करीब एक माह से नगर निगम की ओर से जलापूर्ति पूरी तरह ठप है। सभी के घरों में नल का कनेक्शन तो है, लेकिन पानी नहीं आता है। इसके कारण लोग पानी के लिए भटकने को विवश हैं।

खराब पड़े हैं चापाकल: मोहल्ले के सभी चापाकल खराब पड़े हैं। इसके कारण जलसंकट झेल रहे मोहल्लेवासियों में रोष है। मो. असलम ने कहा कि नल से एक बूंद भी पानी नहीं आता है। काफी दूर महादेव तालाब से पानी ढोकर लाना पड़ता है। सिकंदर अंसारी ने कहा कि पानी के लिए नगर निगम को नियमित रूप से शुल्क देते हैं, लेकिन एक महीना से पानी नहीं मिल रहा है। इस भीषण गर्मी में पानी नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है। अब रमजान भी शुरू होने वाला है, लेकिन नगर निगम को इसकी कोई चिता नहीं है।

मो. आलम व मो. इम्तियाज ने कहा कि नगर निगम में बार-बार शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। रूखसाना परवीन ने कहा कि मोहल्ले में एक सार्वजनिक नल लगा हुआ है, जहां दिनभर लंबी लाइन लगी रहती है। वहां दिन में पानी भरना मुश्किल होता है, इसलिए दो बजे रात तक जाग कर पानी भरना पड़ता है। अब रमजान भी आ रहा है। यही स्थिति रही तो काफी परेशानी होगी।

नुरूल होदा ने कहा कि महादेव प्लांट की आउटलाइन से 8 इंच का पाइप जोड़ दिया जाए तो यहां जलसंकट का समाधान हो सकता है। इसके लिए नगर निगम को आवेदन दे चुके हैं। नगर आयुक्त और मेयर ने पाइप जोड़ने का आश्वासन भी दिया, लेकिन काम नहीं हुआ। खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत का आदेश भी नगर निगम से हो चुका है, लेकिन मरम्मत नहीं हुई।


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