सब्जी की खेती से दी कुपोषण व बेरोजगारी को मात
त्रिभुवन कुमार, तिसरी (गिरिडीह): नक्सल प्रभावित क्षेत्र तिसरी में इन दिनों सब्जी की खेती की ओर रुझान
त्रिभुवन कुमार, तिसरी (गिरिडीह): नक्सल प्रभावित क्षेत्र तिसरी में इन दिनों सब्जी की खेती की ओर रुझान बढ़ा है। इससे न सिर्फ बेरोजगारी दूर हुई है, बल्कि कुपोषण से भी लड़ने में ग्रामीणों को मदद मिली है। मंसाडीह गांव के युगल हेम्ब्रोम ढिबरा व्यवसाय को छोड़कर विभिन्न तरह की सब्जी की पैदावार कर अपने परिवार के भरण-पोषण के साथ सेहत भी दुरुस्त कर रहे हैं।
युगल की पहल से अन्य लोग भी हुए प्रेरित: क्षेत्र के कई लोग सब्जी की खेती करने के लिए प्रेरित हुए हैं। सभी साग सब्जी उपजा रहे हैं। यहां के लोग सब्जी की खेती कर रोजगार के फूल खिला रहे है। थान¨सगडीह व मंसाडीह पंचायत में कुपोषण को दूर करने के लिए घर के आंगन में भी बैंगन, पत्ता गोभी, मटर, फूलगोभी सहित कई हरी सब्जी उगा रहे है।
संस्था ने दिया प्रशिक्षण: इस क्षेत्र में सब्जी की खेती करने के लिए सबेरा फाउंडेशन संस्था ने कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को प्रशिक्षण दिया। साथ ही जैविक खाद व स्वयं निर्मित कीटनाशक के साथ लोगों को विभिन्न तरह के बीज दिए गए, ताकि लोग हरी सब्जी उगाकर बच्चों को कुपोषण से बचा सकें। प्रशिक्षण से लोगो ने रोजगार का भी रास्ता अख्तियार कर लिया।
उक्त पंचायतों में बिनोद हांसदा, ज्योति नारायण गिरी, रंजीत साव, बाबूलाल मरांडी सहित कई किसान धान व दलहन की फसल के अलावा सब्जी की खेती बड़े भू-भाग में कर रहे हैं। यह क्षेत्र जंगल पहाड़ से घिरा हुआ है। अधिकांश लोग ढिबरा, पत्थर व लकड़ी कटाई जैसे अवैध कारोबार से जुड़े हैं, जिस कारण वर्ष में एक बार मुख्य रूप से धान की खेती करते हैं। संस्था ने बैठक कर खेती व पर्यावरण के महत्व की जानकारी लोगों को दी दी, जिससे प्रभावित होकर कुछ लोग घर के आंगन व खेतों में सब्जी उगा रहे हैं।