व्यवसायी के घर डकैती मामले में 2018 से फरार दो आरोपित गिरफ्तार
मुफस्सिल पुलिस ने डकैती के मामले में दो साल से फरार चल रहे दो आरोपितों को शुक्रवार की देर शाम को गिरफ्तार की। गिरफ्तार आरोपितों में बेंगाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत बिशनपुर गांव निवासी हुलास मंडल व रामकिशुन मंडल शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपितों से मामले के संबंध में काफी गहनता से पूछताछ की गई।
गिरिडीह : मुफस्सिल पुलिस ने दस लाख की डकैती के मामले में दो साल से फरार चल रहे दो आरोपितों को शुक्रवार की देर शाम को गिरफ्तार किया। इसमें बेंगाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत बिशनपुर गांव निवासी हुलास मंडल व रामकिशुन मंडल शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपितों से मामले के संबंध में काफी गहनता से पूछताछ की गई। इसके बाद शनिवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया जहां से न्यायालय के आदेश पर उन्हें जेल भेज दिया गया। डकैती करने के मामले को लेकर उक्त आरोपितों के विरूद्ध मुफस्सिल थाने में वर्ष 2018 के जनवरी माह में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से उनकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की टीम ने कई बार छापेमारी अभियान चलाया था लेकिन आरोपित पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सके थे। इसी बीच दोनों के घर पर रहने की पुलिस को शुक्रवार को गुप्त सूचना मिली जिसके आधार पर छापेमारी कर दोनों को दबोचा गया।
कब हुई थी डकैती व क्या है मामला : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सिहोडीह में जमीन कारोबारी एवं व्यवसायी मनोहर स्वर्णकार के आवास पर 12 जनवरी 2018 की रात डकैतों ने भीषण डकैती कांड की थी। डकैतों ने रिवाल्वर की नोंक पर पूरे परिवार को अपने कब्जे में लेने के बाद नकद चार लाख रुपये, दो लाख रुपये से अधिक मूल्य के जेवरात, चार मोबाइल समेत कुल छह लाख रुपये से अधिक की संपत्ति लूट ली थी। डकैती की घटना को अंजाम देने के बाद भागने के क्रम में डकैतों ने दो मोबाइल को रास्ते में फेंक दिया था। फेंके गए दोनों मोबाइलों को बरामद कर लिया गया था। घटना की सूचना मिलते ही तत्कालीन थाना प्रभारी एसके मिश्रा रात में ही मौके पर पहुंचे थे जबकि तत्कालीन एसडीपीओ मनीष टोप्पो ने मामले की छानबीन को सुबह घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवार से पूछताछ की थी। मनोहर स्वर्णकार रात करीब दस बजे जैसे ही अपने आवास के बाहर अपनी चारपहिया गाड़ी से उतरे तो पहले से वहां घात लगाकर बैठे रिवाल्वर से लैस दस अपराधियों ने उन्हें अपने कब्जे में कर लिया। उनकी कनपटी पर रिवाल्वर सटाकर अपराधियों ने रोज की तरह घर खुलवाने को कहा था। ऐसा नहीं करने पर गोली मार देने की धमकी दी थी। इसके बाद स्वर्णकार ने अपनी पत्नी को आवाज दी। पत्नी ने जैसे ही दरवाजा खोला कि डकैत घर के अंदर प्रवेश कर गए। इसके बाद स्वर्णकार, उनकी पत्नी एवं बेटे व बेटी सभी को किचेन में बंद कर दिया था। घर के अंदर आठ डकैत थे जबकि दो दरवाजे पर। डकैती के क्रम में उसी परिसर में रह रहे किरायेदारों को भी रिवाल्वर का भय दिखाकर कब्जे में लेकर घटना को अंजाम दिया गया था।