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नौ माह से तालिबानियों के कब्जे में हैं गिरिडीह के तीन मजदूर, परिजनों ने लगाई रिहाई की गुहार

stranded. झारखंड में गिरिडीह के तीन मजदूर पिछले नौ माह से अफगानिस्तान में तालिबानियों के कब्जे में हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 06:16 PM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 06:16 PM (IST)
नौ माह से तालिबानियों के कब्जे में हैं गिरिडीह के तीन मजदूर, परिजनों ने लगाई रिहाई की गुहार
नौ माह से तालिबानियों के कब्जे में हैं गिरिडीह के तीन मजदूर, परिजनों ने लगाई रिहाई की गुहार

गिरिडीह, जेएनएन। झारखंड में गिरिडीह के तीन समेत देश के सात मजदूर पिछले नौ माह से अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों के कब्जे में हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के हस्तक्षेप के बावजूद अफगानिस्तान सरकार इन मजदूरों को रिहा नहीं करा सकी है। अगवा किए गए मजदूर प्रसादी महतो की पत्नी मीना देवी ने सरकार से अपने पति की रिहाई कराने की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि पूरा परिवार नौ महीने से रिहाई की आस देख रहा है। कोई रास्ता दिख नहीं रहा है।

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आतंकी वारदातों से थर्रा रहे अफगानिस्तान के बघलान प्रांत में केईसी कंपनी में काम करने वाले सात भारतीय मजदूरों का अपहरण विगत पांच मई को बंदूकधारियों ने कर लिया था। अगवा मजदूरों में तीन गिरिडीह के बगोदर थाना क्षेत्र के हैं, जबकि एक मजदूर हजारीबाग के टाटी झरिया क्षेत्र के बेडम इलाके का है। इसके अलावा एक बिहार व दो केरल के मजदूर हैं।

अगवा मजदूरों में बगोदर घाघरा का प्रकाश महतो, प्रसादी महतो, माहुरी का हुलास महतो, हजारीबाग के टाटी झरिया बेडम इलाके का काली महतो शामिल हैं। प्रकाश व प्रसादी के परिजनों ने बताया कि ये चार वर्ष से वहां काम कर रहे थे। अपहरण की की सूचना मिलते ही इन मजदूरों के परिवार में कोहराम मच गया था। झारखंड सरकार अगवा किए गए चारों मजदूरों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये सहायता राशि दे चुकी है।


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