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झारखंड के गिरिडीह में मुठभेड़, तीन माओवादी ढेर; सीआरपीएफ जवान शहीद

encounter in Giridih. झारखंड के गिरिडीह में हुई मुठभेड़ के दौरान सीआरपीएफ ने तीन नक्सलियों को मार गिराया। इस दौरान सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया।

By mritunjayEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 09:43 AM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 08:09 PM (IST)
झारखंड के गिरिडीह में मुठभेड़, तीन माओवादी ढेर; सीआरपीएफ जवान शहीद
झारखंड के गिरिडीह में मुठभेड़, तीन माओवादी ढेर; सीआरपीएफ जवान शहीद

जागरण संवाददाता, देवरी (गिरिडीह)। बिहार की सीमा से सटे भेलवाघाटी थाना क्षेत्र के बुनियाथर गांव के लमकी पहरी में सोमवार की सुबह पुलिस व सीआरपीएफ की टीम की माओवादियों के साथ भीषण मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में तीन माओवादी मौके पर ही ढेर हो गए, जबकि सीआरपीएफ का एक जवान विश्वजीत चौहान शहीद हो गया। मुठभेड़ में कमजोर पड़ने के बाद माओवादी अंधाधुंध फायरिंग करते हुए बिहार की ओर भाग गए। माओवादियों का नेतृत्व कर रहा सीधो कोड़ा भी भाग खड़ा हुआ। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद एक एके 47, 5 सिलेंडर बम, बम बनाने के सामान एवं दो बाइक मौके से बरामद की हैं। पुलिस गिरिडीह एवं बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों की नाकेबंदी कर छापेमारी कर रही है। सूचना पाकर एसपी सुरेंद्र कुमार झा, सीआरपीएफ के कमांडेंट अनिल कुमार भारद्वाज एवं एएसपी ऑपरेशन दीपक कुमार मौके पर सुबह में ही पहुंच गए थे। एसपी ने बताया कि मारे गए माओवादियों की पहचान की जा रही है।

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सूत्रों के अनुसार, कुख्यात माओवादी सीधो कोड़ा एवं उसके दस्ते के गिरिडीह जिले के चतरो से बिहार की ओर जाने की सूचना पुलिस को मिली थी। इसी सूचना के आधार पर पुलिस एवं सीआरपीएफ की विशेष टीम ने सोमवार की सुबह करीब चार बजे भेलवाघाटी थाना अंतर्गत बुनियाथर गांव के लमकी पहरी में माओवादियों की घेराबंदी कर दी। पुलिस को देखते ही माओवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में तीन माओवादी ढेर हो गए। दुर्भाग्य से एक जवान भी शहीद हो गया। खुद को कमजोर पड़ने पर माओवादी पीछे हट गए। शहीद जवान असम के मंगलदोई के रंगिया स्टेशन का रहने वाला था। इस अभियान का नेतृत्व सीआरपीएफ भेलवाघाटी के सहायक कमांडेंट अजय कुमार कर रहे थे।

भेलवाघाटी के थानेदार एमजे खान, देवरी थानेदार उत्तम कुमार उपाध्याय, तिसरी के इंस्पेक्टर समेत कई पुलिस अधिकारी अभियान में शामिल थे।सुबह साढ़े 10 बजे हटाया गया जवान का शव: ऑपरेशन शुरू होने से लेकर जवान एवं माओवादियों का शव उठाने तक पुलिस ने किसी को भी उस इलाके में जाने नहीं दिया। एसपी के पहुंचने के बाद ही मीडियाकर्मियों को भी घटनास्थल पर जाने की इजाजत पुलिस ने दी। सुबह करीब साढ़े दस बजे जवान के शव को वहां से उठाया गया। इसके करीब डेढ़ घंटे बाद दोपहर 12 बजे तीन माओवादियों का शव देवरी के बीडीओ देवेश द्विवेदी एवं सीओ अजय तिर्की की मौजूदगी में उठाया गया। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि सुबह करीब पांच बजे वे महुआ चुनने गए थे। इसी समय दोनों ओर से करीब एक घंटे से अधिक समय तक जमकर फायरिंग हुई।



 


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