पारसनाथ में जैन तीर्थयात्रियों पर ठंड का कहर, तीन की माैत
नागपुर और मैसूर से तीर्थयात्रियों का दल शुक्रवार की रात मधुबन पहुंचा था। कड़ाके की ठंड की परवाह न कर आधी रात के बाद करीब दो बजे यात्रियों ने पारसनाथ पहाड़ पर चढ़ना शुरू किया।
गिरिडीह, जेएनएन। जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पारसनाथ पर्वत की वंदना करने के क्रम में शनिवार ठंड लगने से तीन तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई। मृतकों में कर्नाटक मैसूर की रहने वाली 50 वर्षीय सुनीता जैन एवं महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले आदित्य रविकांत पोहरे और 60 वर्षीय प्रकाश सिंघई शामिल हैं।
नागपुर एवं मैसूर से तीर्थयात्रियों का अलग-अलग दल शुक्रवार की रात मधुबन पहुंचा था। कड़ाके की ठंड की परवाह न कर शुक्रवार की आधी रात के बाद करीब दो बजे यात्रियों ने पारसनाथ पहाड़ पर चढ़ना शुरू किया। करीब दो किमी चढ़ने के बाद सुनीता जैन की तबीयत बिगड़ गयी। उनके पति ने पहाड़ पर ही उन्हें बचाने की कोशिश की। इस बीच डोली मजदूरों के सहयोग से उन्हें पहाड़ से नीचे उतारा गया। तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। इधर नागपुर का आदित्य अपने करीब एक दर्जन साथियों के साथ आया था। पार्श्वमंदिर तक पहुंचने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गयी। उन्हें भी वहां से नीचे उतारा गया। तब तक उसकी भी मौत हो चुकी थी। पारसनाथ पहाड़ में वंदना करने के दौरान जैन तीर्थयात्री 60 वर्षीय प्रकाश सिंघई की मौत हो गयी। वे नागपुर के रहने वाले थे। इसके साथ ही मृतकों की संख्या तीन हो गयी। दो यात्रियों की मौत सुबह में हो गयी थी।
मृतक महिला का अंतिम संस्कार मधुबन पारसनाथ में ही किया जाएगा। जबकि दो तीर्थयात्रियों का शव
नागपुर ले जाया जाएगा। दोनों शव मधुबन के जैन कोठियों के अंदर रखा गया है।