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पांच साल से चल रहा धमकी भरा पत्र भेजने का सिलसिला

एक परिवार के सदस्यों के नाम से धमकी भरा पत्र भेजने का सिलसिला वर्ष 2015 से चल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 12:02 AM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 06:37 AM (IST)
पांच साल से चल रहा धमकी भरा पत्र भेजने का सिलसिला
पांच साल से चल रहा धमकी भरा पत्र भेजने का सिलसिला

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: एक परिवार के सदस्यों के नाम से धमकी भरा पत्र भेजने का सिलसिला वर्ष 2015 से चल रहा है। उस वक्त से कई नामचीन व्यक्तियों व संस्थाओं को उड़ाने को लेकर बिहार व झारखंड समेत अन्य स्थानों पर धमकी भरा पत्र भेजा गया था। इसकी जांच को लेकर एसआइटी का गठन किया गया और करीब 125 लोगों की हैंडराइटिग का मिलान किया गया तथा राइटिग एक्सपर्ट की भी मदद ली गई, लेकिन जिनके नाम पर पत्र भेजा जा रहा था इस मामले में उनलोगों की कहीं भी सहभागिता जांच में सामने नहीं आई। ऐसे में पूरी तरह से यह धमकी भरे पत्र का मामला उस परिवार के साथ-साथ पुलिस प्रशासन को भी बेवजह परेशान करने की कोशिश हो सकती है। ये बातें पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर कही।

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एसपी सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री सह कोडरमा संसदीय क्षेत्र से झारखंड विकास मोर्चा के प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी को जान से मारने की धमकी भरा पत्र भेजने के मामले में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मरांडी को धमकी भरा पत्र भेजना किसी विक्षिप्त का काम प्रतीत होता है। वैसे इस मामले को पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। इस मामले से जुड़े तमाम बिदुओं पर जांच की जा रही है। इस मामले में किसी संगठन या व्यक्ति का हाथ नहीं है। कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को पहले से ही उच्चस्तरीय सुरक्षा दी जा रही है। क्षेत्र भ्रमण के क्रम में जिला प्रशासन की ओर से अतिरिक्त सुरक्षा भी मुहैया कराई जाती है। इसके बावजूद अगर धमकी दी गई है तो सुरक्षा में कोई चूक नहीं होने दी जाएगी।

नक्सलियों का कोई संबंध नहीं: एसपी ने बताया कि पहले के मामले में धमकी भरे पत्र शहर से ही भेजे जाते थे, लेकिन अब बाहर से खत भेजे जा रहे हैं। इस मामले का नक्सलियों से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस परिवार के नाम से धमकी भरे पत्र भेजे जा रहे हैं, ऐसा लगता है कि पत्र भेजने वाले की उस परिवार के साथ सामाजिक, पारिवारिक या व्यावसायिक वैमनस्यता रही होगी। इसलिए उन्हें परेशान करने की साजिश रची जा रही है।

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पांच मामले हो चुके हैं दर्ज

अब तक जितने भी पत्र भेजे गए हैं, वे सभी एक ही हैंडराइटिग में लिखे गए हैं। इसे लेकर 8 जून 2016 को सरिया थाना, 11 जून 2016 को दो अलग-अलग प्राथमिकी नगर थाना, 10 जून 2016 को पीरटांड़ थाना व 27 अक्टूबर 2018 को नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है। इन्हीं प्राथमिकी के आधार पर पुलिस जांच में जुटी है। इनमें से तीन मामले 17 सीएलए एक्ट के तहत, जबकि दो मामले अलग-अलग धाराओं के तहत दर्ज किए गए हैं।

एएसपी के नेतृत्व में पहले से गठित है एसआईटी: धमकी भरे इन पत्रों की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र कुमार झा ने 2018 में ही एक एसआईटी का गठन किया है। यह एसआइटी अभियान एसपी दीपक कुमार के नेतृत्व में गठित है, जिसमें मुख्यालय पुलिस उपाधीक्षक वन नवीन कुमार सिंह, जमुआ के पुलिस इंस्पेक्टर बिनय कुमार राम व नगर थाना प्रभारी आदिकांत महतो शामिल हैं।


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