बनियाडीह में हजारों ट्रक लोडिग मजदूरों को मिलेगा रोजगार
बनियाडीह (गिरिडीह) सीसीएल कबरीबाद खुली कोयला खदान के लिए टोर (टर्म ऑफ रिफरेंस) का
बनियाडीह (गिरिडीह) : सीसीएल कबरीबाद खुली कोयला खदान के लिए टोर (टर्म ऑफ रिफरेंस) का रास्ता साफ होने पर अब कबरीबाद माइंस में काम करनेवाले हजारों असंगठित मजदूरों को रोजगार मिलेगा। कबरीबाद माइंस में लगभग दो हजार असंगठित मजदूर अप्रत्यक्ष रूप से ट्रकों में कोयला लोडिग कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। साथ ही बनियाडीह सहित आसपास के क्षेत्रों से भी सैकड़ों ट्रक चालक, उप चालक, डीओ धारकों व ट्रक ओनरों की भी जीविका इससे चलती है। सीसीएल क्षेत्र के बनियाडीह, कोपा, राजनगर, प्रेमनगर, खनडीहा, सात नंबर, जोगटियाबाद, बेहरवाटांड़, अकदोनीकला, अकदोनीखुर्द, बगजोबरा, रवानीपुर, चिलगा, खुटवाढाब, बगलुवाटांड़, लोदी सरहच्चा, हिरणपुर, करमाटांड़ आदि गांवों के लगभग दो हजार मजदूर कबरीबाद कोलडंप में लगभग तीस वर्षो से ट्रक लोडिग कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। वर्ष 2018 में केंद्र सरकार के पर्यावरण विभाग की ओर से कबरीबाद माइंस में कोयले के उत्खनन पर रोक लगा दी गई थी। तब से ये मजदूर बेरोजगार हो गए थे। उनकी आर्थिक स्थिति भी चरमरा गई है। अब कबरीबाद माइंस को टोर मिलने के बाद मजदूरों में आस जगी है। रोड सेल से जुड़े सदर कैला गोप, लाला गोप, विजय यादव, ज्ञानी दास, किशोर राम आदि ने कबरीबाद माइंस का टोर आने के बाद सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, गांडेय के विधायक सरफराज अहमद, भाजपा के पूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी, सीसीएल के महाप्रबंधक मनोज कुमार अग्रवाल के अलावा के वरिष्ठ अधिकारियों को बधाई दी है। इनलोगों ने राज्य सरकार से जल्द ही कबरीबाद माइंस के लिए सीटीओ लाने की मांग की है। कहा कि कबरीबाद माइंस से कोयला उत्पादन बंद होने के बाद यहां के सभी मजदूर बेकार हो गए थे। उन्हें रोजगार का अन्य साधन नहीं मिलने वे दूसरे राज्यों की ओर वे पलायन कर गए थे। कोविड-19 के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लगने से अधिकांश मजदूर अपने घर वापस आ गए हैं। टोर मिलने से मजदूरों में आस जागी है।
क्या कहते हैं अधिकारी : सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी ने बताया कि कबरीबाद माइंस को टोर नहीं मिलने से यहां के कोयला का उत्पादन बंद था। अब टोर का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार की ओर से सीटीओ मिलने के बाद इस माइंस से कोयला उत्पादन शुरू किया जाएगा और रोड सेल के मजदूरों के साथ-साथ सेल से जुड़े स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा।