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सीसीएल के गिरिडीह एरिया में हड़ताल का दिखा जबरदस्त प्रभाव

इधर सभी मजदूर एवं कर्मचारी हड़ताल पर चले जाने से इधर सभी मजदूर एवं कर्मचारी हड़ताल पर चले जाने से इधर सभी मजदूर एवं कर्मचारी हड़ताल पर चले जाने से इधर सभी मजदूर एवं कर्मचारी हड़ताल पर चले जाने से इधर सभी मजदूर एवं कर्मचारी हड़ताल पर चले जाने से इधर सभी मजदूर एवं कर्मचारी हड़ताल पर चले जाने से इधर सभी मजदूर एवं कर्मचारी हड़ताल पर चले जाने से इधर सभी मजदूर एवं कर्मचारी हड़ताल पर चले जाने से

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 12:47 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 12:47 AM (IST)
सीसीएल के गिरिडीह एरिया में हड़ताल का दिखा जबरदस्त प्रभाव
सीसीएल के गिरिडीह एरिया में हड़ताल का दिखा जबरदस्त प्रभाव

बनियाडीह (गिरिडीह) :शत-प्रतिशत एफडीआइ के खिलाफ श्रमिक संगठनों के आह्वान पर कोयला उद्योग में आहुत राष्ट्रव्यापी हड़ताल का सीसीएल के गिरिडीह एरिया में जबरदस्त प्रभाव पड़ा। हड़ताल यहां शत-प्रतिशत सफल रही। कोयला उत्पादन और डिस्पैच ठप रहा। गिरिडीह एरिया के दोनों माइंस कबरीबाद एवं ओपेनकास्ट के शत-प्रतिशत मजदूर हड़ताल पर रहे। एक भी मशीन नहीं चली। बनियाडीह वर्कशॉप में जहां दिन भर बाहर गेट में ताला लटका रहा वहीं जीएम कार्यालय के भी कई दफ्तरों में ताले लटके रहे। हड़ताली मजदूरों ने इस दौरान जीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए।

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मंगलवार को सुबह होते ही मजदूर यूनियन के नेताओं व हड़ताली समर्थकों का जमावड़ा कोलियरी के कार्यालयों एवं खदानों में होने लगा। सबकी नजर हड़ताल के दौरान हाजिरी बनाने वाले कर्मियों पर थी। यूनियन नेताओं ने हाजिरी बनाने वाले कर्मचारियों पर पूरी कड़ाई कर दी थी। हालांकि कुछ कर्मियों ने सुबह में ही अपनी हाजिरी बना ली थी। इसकी जानकारी नेताओं को होने के बाद हाजिरी बाबू से उनकी हाजिरी कटवा दी। सुबह 9 बजे सभी यूनियन के नेताओं एवं हड़ताल के समर्थक जीएम कार्यालय पहुंचे। वहां एफडीआइ के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए धरना पर बैठ गए। इधर हड़ताल को देखते हुए जीएम कार्यालय एवं खदानों में सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध किया गया था। मुफस्सिल थाना पुलिस भी लगातार पेट्रोलिग कर स्थिति पर नजर रख रही थी। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ क्षेत्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सरफराज अहमद ने कहा कि भाजपा सरकार ने कोल इंडिया में सौ फीसद विदेशी पूंजी निवेश करने का जो फैसला लिया है, वह गलत है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में कोयला उद्योग की खराब स्थिति को देखते हुए कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकरण किया था। अब मोदी सरकार अपने फायदे के लिए शत प्रतिशत एफडीआइ कर रही है। यदि कोल इंडिया में एफडीआइ लागू हो जाएगा तो कोयला मजदूरों की सभी सुविधाएं खत्म हो जाएगी। क्षेत्रीय सचिव एनपी सिंह बुल्लू ने कहा कि भाजपा सरकार ने एफडीआइ लाकर एक साजिश के तहत कोल इंडिया को बेचने का काम कर रही है। इंटक जिलाध्यक्ष नरेन्द्र सिन्हा छोटन ने कहा कि देश में एफडीआइ लाकर भाजपा सरकार ने कोल इंडिया के लाखों मजदूरों को खाई में धकेलने का काम किया। एटक के कार्यकारी सचिव देव शंकर मिश्रा ने कहा कि कोयला उद्योग में शत-प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश करने का फैसला मजदूरों के हित में नहीं है। इस निर्णय को सरकार वापस ले लेना चाहिए।

सीएमडल्ब्लूयू के संयोजक सह माले नेता राजेश कुमार यादव ने कहा कोयला उद्योग में शत प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश करने का सरकार का निर्णय देशहित, मजदूर हित एवं उद्योगहित में नहीं है। यह कोयला उद्योग के लिए घातक है। हड़ताल में इंटक के मो. हासिम अंसारी, मो. ताजउद्दीन अंसारी, प्रदीप दराद, इंटक ददई गुट से एरिया सचिव मिथिलेश यादव, सरफराज, एरिया उपाध्यक्ष अजीत कुमार, गुलाब दास, झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन से अध्यक्ष तेजलाल मंडल, सचिव महेश यादव, नरेश कोल्ह, पालो दुसाध, विशु टुडू, राजेन्द्र यादव, बासदेव मंडल, दिलीप मंडल, कोल्ड फिल्ड मजदूर यूनियन से अमित यादव, शिवाजी सिंह, मनोज कुमार शर्मा, मनोज कुमार, कन्हैया सिंह, अखिल झारखंड कोयला श्रमिक संघ एरिया अध्यक्ष अशोक दास, दी झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के नेता मोहन गहलौत, सीएमडब्ल्यूयू के सह संयोजक राजेश सिन्हा शामिल थे।


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