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राजेंद्र की सक्रियता से झामुमो में तनाव

जागरण संवाददाता, गिरिडीह : पूर्व मंत्री व इंटक के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र प्रसाद ¨सह ने गि

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 11:41 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 11:41 PM (IST)
राजेंद्र की सक्रियता से झामुमो में तनाव
राजेंद्र की सक्रियता से झामुमो में तनाव

जागरण संवाददाता, गिरिडीह : पूर्व मंत्री व इंटक के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र प्रसाद ¨सह ने गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। उनकी सक्रियता से कांग्रेसियों में उत्साह है मगर झामुमो का टेंशन बढ़ गया है। कारण है कि गठबंधन के तहत कांग्रेस पार्टी कई दशक से गिरिडीह सीट झामुमो के लिए छोड़ती रही है। तीन फरवरी को धनबाद के बाघमारा में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन ¨सह की होनेवाली रैली में गिरिडीह एवं डुमरी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसियों से शामिल होने का आह्वान कर राजेंद्र ने गिरिडीह लोकसभा सीट से कांग्रेस की अपरोक्ष रूप से दावेदारी भी पेश कर दी है।

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बाघमारा, गिरिडीह एवं डुमरी विधानसभा क्षेत्र गिरिडीह लोकसभा के अधीन है। जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो के कांग्रेस में शामिल होने के बाद गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस की यह पहली रैली होगी। इस रैली के जरिए कांग्रेस बाघमारा विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में भी अपनी दावेदारी पेश करेगी।

जानकारो के अनुसार झामुमो से यदि रिश्ता टूटता है तो राजेंद्र ¨सह गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से दावेदारी पेश कर सकते हैं। राजेंद्र लंबे समय के बाद शनिवार को गिरिडीह पहुंचे थे। पार्टी के दिवंगत नेता रवींद्र ¨सह के परिजनों से मिलने के बाद उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की। उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व सांसद तिलकधारी प्रसाद ¨सह भी थे।

लोकसभा चुनाव के सवाल पर कहा कि वे लोकसभा चुनाव लड़ेंगे लेकिन कहां से लड़ेंगे यह अभी तय नहीं है। गिरिडीह से चुनाव लड़ने की बात उन्होंने सीधे स्वीकार नहीं की लेकिन कहा कि पूरे गिरिडीह लोस क्षेत्र में कांग्रेस का जनाधार बढ़ा है।

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30 तक महागठबंधन में नहीं हो सकेगा सीटों पर अंतिम फैसला

उन्होंने बताया कि 30 जनवरी को महागठबंधन के नेताओं की बैठक लोकसभा एवं विधानसभा सीटों के बंटवारे को लेकर बुलाई गयी है लेकिन जो प्रक्रिया है, उसमें यह 30 तक होना संभव नहीं है। उनके अनुसार इसमें दस दिन और लगने की संभावना है। रांची के बाद दिल्ली में अंतिम मुहर लगेगी। झामुमो का दबाव एक साथ लोकसभा एवं विधानसभा के सीटों के बंटवारे का है। वैसे इसमें कुछ गलत भी नहीं है। कांग्रेस समेत महागठबंधन के सभी घटक दलों का एकमात्र एजेंडा भाजपा को हराना है। भाजपा को हराने के सवाल पर महागठबंधन एकजुट है। पूर्व सांसद तिलकधारी प्रसाद ¨सह ने कहा कि एक टेबल पर बैठकर बात होगी और जीतनेवाले नेता को ही मैदान में उतारा जाएगा। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नरेश वर्मा, प्रदेश प्रतिनिधि सह इंटक जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिन्हा छोटन, कांग्रेस के प्रदेश सचिव धनंजय ¨सह, एनपी ¨सह बुल्लू, मदनलाल विश्वकर्मा, संतोष राय, कंचन ¨सह, बलराम यादव, शकील अंसारी, मुकेश साहा आदि मौजूद थे।


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