पुत्र ने कहा-भूख से मौत के कलंक को छुपाने के लिए एसी ने गलत रिपोर्ट सौंपी
गिरिडीह : डुमरी की बुजुर्ग महिला सावित्री देवी की भूख से मौत को बीमारी से मौत बताने वाले अप
गिरिडीह : डुमरी की बुजुर्ग महिला सावित्री देवी की भूख से मौत को बीमारी से मौत बताने वाले अपर समाहर्ता अशोक कुमार साह की जांच रिपोर्ट की पोल खुल गंई है। यह पोल खोली है दिवंगत सावित्री देवी के पुत्र हुलास महतो ने। हुलास महतो ने जांच रिपोर्ट को झूठा बताते हुए कहा है कि उनकी माता सावित्री देवी का कभी भी रिम्स रांची में इलाज नहीं हुआ था। उन्होंने यहां तक कहा है कि उनकी मां तो छोड़िए पूरे परिवार के किसी भी सदस्य ने आज तक रिम्स देखा तक नहीं है। हुलास के इस खुलासे से अशोक साह की जांच रिपोर्ट पूरी तरह से संदेह के घेर में आ गई है। अब यह बात खुलकर सामने आ रही है कि भूख से मौत के कलंक से बचने के लिए झूठी रिपोर्ट तैयार की गई थी।
विदित हो कि डुमरी प्रखंड के चैनपुर पंचायत अंतर्गत मंगरगढ़ी गांव निवासी सावित्री देवी की दो जून की सुबह भूख से अपने घर में मौत हो गई थी। बात सामने आते ही शासन हिल गया था। डीसी मनोज कुमार ने पूरे मामले की जांच के लिए अपर समाहर्ता अशोक कुमार साह को भेजा था। चार जून को अशोक कुमार ने पीड़ित परिवार से मिलकर जांच की थी और रिपोर्ट उसी दिन उपायुक्त को सौंपी थी जिसे बाद में सरकार को भेजा गया था। अपनी रिपोर्ट में अपर समाहर्ता ने सावित्री की मौत बीमारी से हुई है, इसे साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। रिपोर्ट में बताया था कि वह बीमारी से ग्रसित थीं और उनका इलाज रिम्स में हुआ था। जहां फाइं¨डग के रूप में प्रेनकाइमल हेमाटोमा उल्लेखित है। जांच रिपोर्ट में डुमरी रेफरल अस्पताल के चिकित्सक डॉ. डीपी बरनवाल की विशेषज्ञ ओपिनियन को भी शामिल किया गया। डॉ. बरनवाल ने प्रेनकाइमल हेमाटोमा को एक तरह की हेड इंज्यूरी बताया गया था। साथ ही कहा कि मौत का एक कारण यह भी हो सकता है। हुलास महतो ने दैनिक जागरण को बताया कि मां को कोई बीमारी नहीं थी। उसकी मौत भूख से हुई है। उनका इलाज न कभी रिम्स में चला और न ही डुमरी रेफरल अस्पताल में हुआ। बताया कि जांच अधिकारी साह ने परिवार से मिलकर जानकारी कुछ और ली और रिपोर्ट कुछ और ही बना दी। अधिकारियों की भूमिका पहले दिन से ही संदेहास्पद है।
इधर जांच रिपोर्ट में डुमरी रेफरल अस्पताल के जिस चिकित्सक डॉ. डीपी बरनवाल की विशेषज्ञ ओपिनियन की चर्चा की गई है, उन्होंने बताया कि डुमरी के एसडीओ ज्ञान प्रकाश ¨मज ने चार जून को अपने चैंबर में एक मेडिकल रिपोर्ट दिखाने के लिए उन्हें बुलाया था। वे वहां गए तो कुछ लोग भी बैठे थे जिन्हें वे नहीं पहचानते थे। रिम्स का एक सीटी स्कैन दिखाकर बीमारी के बारे में उनसे पूछा गया था। जिस पर उन्होंने अपनी राय बताई थी। वह रिपोर्ट किस सावित्री देवी की थी, यह उन्हें नहीं पता। बताया कि उन्होंने कभी भी सावित्री देवी का इलाज नहीं किया था।
विदित हो कि गलत जांच रिपोर्ट देने से भड़के ग्रामीणों ने जांच अधिकारी अशोक कुमार साह, जिला आपूर्ति पदाधिकारी योगेंद्र कुमार एवं डुमरी बीडीओ को बुधवार को बंधक बना लिया था।
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कोट
सावित्री देवी 2017 से बीमार थीं। तभी से उनका इलाज रिम्स में चल रहा था। सीटी स्कैन की कॉपी उन्हें सावित्री के परिजनों ने नहीं दी थी। यह उन्हें कहीं से उपलब्ध हुआ है। बेटे बाहर थे, इस कारण रिम्स में सावित्री को दिखाने दूसरे लोग भी ले जा सकते हैं।
अशोक कुमार साह, जांच अधिकारी सह अपर समाहर्ता