शिवपाल बोले, बिना किसी दबाव के लालू के मुकदमे में सुनाया फैसला
सीबीआइ जज ने जालौन जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि उनकी जमीन के मामले में भेदभाव किया गया था।
जागरण संवाददाता, गिरिडीह। सीबीआइ जज शिवपाल सिंह ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद का चारा घोटाला संबंधित मुकदमा मेरे लिए अन्य मामलों की ही तरह था, जिसमें न्यायिक कार्य को बिना दबाव के मैंने पूरा किया। उन्होंने लालू की सजा को लेकर उत्तर प्रदेश के जालौन के डीएम पर फोन कर दबाव बनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद ही हमारी जमीन से कब्जा हटाया गया। शनिवार को सूचना मिली है कि झांसी के कमिश्नर अमित गुप्ता जागरण में आई रिपोर्ट के आधार पर जांच के लिए उनके गांव शेखपुर खुर्द गए हैं। शिवपाल सिंह अपने निजी दौरे पर पुत्र के साथ गिरिडीह आए थे। लालू को सजा सुनाने के कारण पूरे देश में सुर्खियों में आए जज शिवपाल बिना किसी सुरक्षा एवं तामझाम के अपनी एक पुरानी मारुति अल्टो कार से यहां पहुंचे। वे पूर्व में गिरिडीह में अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव रह चुके हैं।
जालौन डीएम ने की थी दूसरे पक्ष की मदद
सीबीआइ जज ने जालौन जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि उनकी जमीन के मामले में भेदभाव किया गया था। कहा कि बीते वर्ष अक्टूबर में वहां के डीएम डॉ. मन्नान अख्तर ने इस मामले में भेदभाव कर दूसरे पक्ष की मदद की थी। उनकी जमीन पर मिट्टी डालकर उसे भर दिया गया था। वहां दूसरे पक्ष ने भवन का निर्माण कर उसे सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश भी की थी। उनके छोटे भाई के खिलाफ तोड़फोड़ करने का भी आरोप लगाया गया था। मीडिया में ये बातें आने के बाद ही वहां से कब्जा हटाया गया।
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