समितियों को मिली जिम्मेवारी, विभाग की बढ़ी परेशानी
जागरण संवाददाता, गिरिडीह: ग्राम विकास समितियों को योजनाओं का चयन से संबंधित जिम्मेवारी देन
जागरण संवाददाता, गिरिडीह: ग्राम विकास समितियों को योजनाओं का चयन से संबंधित जिम्मेवारी देने के कारण मनरेगा से जुड़े पदाधिकारियों व कर्मियों की परेशानी बढ़ गई है। इसका कारण है कि चयन में मनरेगा से संबंधित योजनाओं को प्राथमिकता नहीं देना या फिर मौसम के अनुकूल योजनाओं का चयन नहीं करना।
बता दें कि ग्राम सभा कर मनरेगा से संबंधित योजनाओं का चयन किया जाता था। इसकी जिम्मेवारी मुखिया और पंचायत सचिव पर होती थी, लेकिन अब यह जिम्मेवारी ग्राम विकास समितियों को दे दी गई है। समितियों को न केवल मनरेगा बल्कि 14 वीं वित्त, प्रधानमंत्री आवास सहित सभी योजनाओं का चयन करना है, लेकिन समितियां चयन में मनरेगा से संबंधित योजनाओं को अधिक प्राथमिकता नहीं दे रही हैं।
मनरेगा सोशल यूनिट स्टेट रिसोर्स ग्रुप के सदस्य विश्वनाथ ¨सह ने बताया कि हर वर्ष अक्टूबर और अप्रैल माह में ग्राम सभा कर मनरेगा योजनाओं का चयन किया जाना है, लेकिन क्षेत्र भ्रमण के दौरान देखा जा रहा है कि कहीं भी ग्राम सभा नहीं हो रही है। अगर योजनाओं का चयन नहीं किया गया, तो अगले साल के लिए समय पर प्रोजेक्ट भी तैयार नहीं हो पाएगा। वहीं मनरेगा पीओ बसंत कुमार ने बताया कि ग्रामसभा कराने की जिम्मेवारी ग्राम विकास समितियों को दे दी गई है। समितियां ही योजनाओं का चयन कर रही है, लेकिन इसमें परेशानी यह हो रही है कि मौसम के अनुकूल मनरेगा योजनाओं का चयन नहीं किया जा रहा है। साथ ही मिट्टी-मोरम जैसी योजनाएं भी नहीं ली जा रहीं है। ऐसा होने से परेशानी बढ़ेगी। मनरेगा के तहत अलग-अलग मौसम में अलग-अलग योजनाएं संचालित की जाती हैं, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में मौसम का असर नहीं पड़े। समितियों को इसे ध्यान में रखकर योजनाओं का चयन करना चाहिए।