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निजी विद्यालयों ने कहा- फीस नहीं लेने का आदेश मृत्युतुल्य

संस डुमरी गिरीडीह क्षेत्र में स्थित निजी विद्यालयों के संचालकों एवं प्रधानाध्यापकों की एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिग बैठक झारखंड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन द्वारा •ाूम ऐप के माध्यम से गुरूवार को हुई जिसमें एसोसिएशन से जुड़े जिले भर के निजी विद्यालयों के संचालकों एवं प्रधानाध्यापकों ने भाग लिया।लॉकडाउन की अवधि में विद्यालयों द्वा

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 May 2020 08:58 PM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 06:15 AM (IST)
निजी विद्यालयों ने कहा- फीस नहीं लेने का आदेश मृत्युतुल्य
निजी विद्यालयों ने कहा- फीस नहीं लेने का आदेश मृत्युतुल्य

डुमरी (गिरिडीह): गिरिडीह क्षेत्र में स्थित निजी विद्यालयों के संचालकों एवं प्रधानाध्यापकों की वीडियो कांफ्रेंसिग से बैठक गुरुवार को हुई। एसोसिएशन से जुड़े जिले भर  के निजी विद्यालयों के संचालकों एवं प्रधानाध्यापकों ने भाग लिया। लॉकडाउन की अवधि में विद्यालयों की ओर से स्कूल फीस लिए जाने पर रोक की स्थिति में उत्पन्न समस्याओं पर चर्चा की गई। विद्यालय  के संचालकों का कहना था कि वे सब अपने अल्प संसाधन और व्यवस्था के साथ मध्यमवर्गीय परिवारों के शिक्षित युवक युवतियों के माध्यम से बच्चों को मामूली शुल्क पर शिक्षा देने का कार्य कर रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन की अवधि में इन विद्यालयों के संचालन व प्रबंधन में उत्पन्न कठिनाइयों से वे त्रस्त हैं। संचालक अपने सहकर्मियों, शिक्षकों और गैर शिक्षकों के पोषण एवं जीवन यापन को लेकर चितित हैं। वे कई प्रकार के सरकारी शुल्क, ऋण की किस्त, वाहन, भवन का किराया आदि देते हैं। अब शिक्षा विभाग का मासिक फीस नहीं लेने का आदेश उनके लिए मृत्युतुल्य है। यह निर्णय लिया गया कि न्यूनतम आय को ध्यान में रखते हुए सरकार आर्थिक सहयोग दे अथवा इन विद्यालयों को उक्त अवधि के फीस को किस्तों में लेने का आदेश दे। कहा गया कि बगैर आर्थिक सहयोग या बगैर मासिक शुल्क लिए लॉकडाउन का खर्च पूरा करना असंभव है तथा इसका संचालन कठिन है।

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मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, उपायुक्त आदि को पत्र भेजे जाने की बात कही गई। मौके पर दिनेश साहू, नवीन कुमार, कैलाश प्रसाद, सर्वेश तिवारी, रंजीत राणा, पियूष कुमार आदि ने भाग लिया।


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