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पुस्तक लाने गए शिक्षक, स्कूल में लटका ताला

संवाद सहयोगी, धनवार (गिरिडीह) : एक तरफ सरकार लगातार बच्चों की शिक्षा पर लाखों की रकम खर्च कर रही है दूसरी ओर जिम्मेदार लोगों की लापरवाही के चलते बच्चे पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 09:00 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 09:00 PM (IST)
पुस्तक लाने गए शिक्षक, स्कूल में लटका ताला
पुस्तक लाने गए शिक्षक, स्कूल में लटका ताला

संवाद सहयोगी, धनवार (गिरिडीह) : एक तरफ सरकार लगातार बच्चों की शिक्षा पर लाखों की रकम खर्च कर रही है, वहीं शिक्षकों की कमी तथा बीआरसी से जुड़े काम का हवाला देकर विद्यालयों को बंद रखा जा रहा है। सोमवार को ऐसा ही नजारा गिरिडीह के जमुआ प्रखंड में दिखा। यहां के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय करिहारी में सुबह 11 बजे ताला लटक रहा था। कार्यालय के बाहर बोर्ड में एक पर्चा लगा था, जिसमें लिखा था कि 11:30 बजे के बाद कक्षा का संचालन नहीं हो पाएगा। ज्ञान सेतु की पुस्तकें लाने के लिए बीआरसी जमुआ जाना पड़ रहा है। एकल शिक्षक होने के कारण विद्यालय को बंद करना पड़ रहा है।

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विद्यालय में लगभग 70 बच्चे नामांकित हैं। अहम सवाल यह है कि आखिर उन बच्चों की क्या गलती है जिन्हें सरकारी व विभागीय कार्य का हवाला देकर पढ़ाई और भोजन से वंचित रखा गया। विद्यालय के सचिव ने बताया कि उन्हें सूचना दी गई

है कि 24 सितंबर तक ही ज्ञान सेतु की किताब दी जाएगी। संकुल

संसाधन सेवी संजय ने जाकर किताब लाने की बात कही। इसके बाद ही वह पुस्तक लाने गए। बीईईओ विद्या सागर मेहता ने बताया कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। विद्यालय में एकल शिक्षक होने की स्थिति में भी स्कूल बंद नहीं करना चाहिए। पुस्तक लेने के लिए शिक्षक देर से भी बीआरसी आ सकते थे। विद्यालय के सचिव के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।


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