भुक्तभोगी को सरकार से मुआवजा पाने का हक
जागरण संवाददाता, गिरिडीह: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने विक्टिम कॉम्पनसेशन
जागरण संवाददाता, गिरिडीह: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने विक्टिम कॉम्पनसेशन की राशि बढ़ाई है। अब हत्याकांड के पीड़ित पक्ष को अधिकतम दस लाख तक मुआवजा दिया जा सकता है। ये बातें प्रधान जिला जज राजेश कुमार वैश्य ने शुक्रवार काो कही। डालसा की ओर से आयोजित एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जिला जज ने कहा कि पैनल अधिवक्ता और पीएलवी के कार्यक्षेत्र का दायरा अब ज्यादा और जिम्मेदारी का हो गया है। पीड़ितों को मुआवजा मिले पर वह गलत तरीके से व फर्जी नहीं हो। पीड़ित को अब दबाव और पैसे के खातिर आरोपित से सुलह करने की जरूरत नहीं होगी। वास्तविक गुनाहगारों को सजा मिले इसके लिए पीड़ित को मिलनेवाली मुआवजा राशि बढ़ाई गई है। सरकार इन पीड़ितों के जख्म को कम करने के लिए मुआवजा दे रही है। जिला जज वन रामबाबू गुप्ता ने कहा कि हत्या और दुष्कर्म की पीड़िता किसी कारणवश आरोपित से बहुत ही कम पैसे में मुकदमे को सुलह कर लेते हैं। न्यायालय में अधिकतर मामलों में पीड़िता अपने बयान से पलट जाती हैं। डालसा के मनोरंजन कुमार ने कहा कि पीड़ित के साथ हुई घटना को मुआवजे के माध्यम से जख्म को कम करने के लिए कानून बनाया गया है। देश में झारखंड दूसरा राज्य है जहां सरकार ने पीड़ित पक्ष को मिलनेवाली मुआवजा राशि बढ़ाई है। पीड़ित तक उसकी जानकारी देने की जरूरत है।
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अशोक को बेस्ट पीएलवी का पुरस्कार: गांडेय क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रधान जिला जज ने अशोक कुमार वर्मा को बेस्ट पीएलवी का पुरस्कार दिया। वहीं सभी पीएलवी को एक साल के लिए पहचान पत्र दिया गया। डालसा के सचिव ने बताया कि सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म, हत्या के प्रयास व आपराधिक मामलो में घायलों को और अंग भंग होने पर मुआवजा पाने का अधिकार है। कार्यक्रम में न्यायिक दंडाधिकारी शंभू महतो, पैनल अधिवक्ता और पीएलवी मौजूद थे।