राम को पसंद थी सिंदूर तो हनुमान ने पूरे शरीर पर लगा लिया
इस क्रम में वे श्री राम जय राम जय जय राम का उच्चारण भी करते रहे। इससे आसपास का माहौल भक्तिमय हो गया। कार्यक्रम के आयोजन में उर्मिला बाई रजनी बाई अनिता बाई शांति बाई अशोक भदानी रविन्द्र राम सिद्धू केडिया नारायण जी आदि ने सहयोग प्रदान किया।
जासं, गिरिडीह: शहर के महिला सत्संग शांति भवन मकतपुर में शनिवार की शाम रामधुन प्रस्तुत किया गया। इसमें बाहर से आए संत शंभु शरण लाटा ने जहां हिदुओं के परम पवित्र श्रेष्ठ ग्रंथ रामचरित मानस की कथा सुनाई तो वहीं उन्होंने सत्संग की महिमा एवं हनुमान जी की महिमा का वर्णन भी विस्तार से किया। कहा कि हनुमान भगवान राम के सच्चे दूत थे, जिन्होंने सीता मईया की खोज में सागर को पार किया था। रावण की लंका में अपनी पूंछ से आग भी लगा दी थी। कहा कि जब लक्ष्मण को बाण लग गया था तो वैद्य सुसेन के कहने पर संजीवनी बूटी लाने काफी दूर पहाड़ की ओर चले गए। कहा कि सीता माता के यह कहने पर कि सिदूर लगाने से प्रभु राम प्रसन्न होते हैं तो उन्होंने अपने पूरे शरीर पर सिदूर लगा लिया था, ताकि भगवान राम खुश हर सकें।
अपने प्रवचन के दौरान लाटा ने रामचरित मानस की चौपाइयों का भी पाठ कर उसके बारे में श्रद्धालुओं को जानकारी भी दी। इस क्रम में वे श्री राम, जय राम, जय जय राम का उच्चारण भी करते रहे। इससे आसपास का माहौल भक्तिमय हो गया। कार्यक्रम के आयोजन में उर्मिला बाई, रजनी बाई, अनीता बाई, शांति बाई, अशोक भदानी, रवींद्र राम, सिद्धू केडिया, नारायण जी आदि ने सहयोग प्रदान किया।