सांसद-विधायक वादा कर चले जाते हैं, होता-जाता कुछ नहीं
संवाद सहयोगी, डुमरी (गिरिडीह): केंद्र और राज्य सरकार गांवों के विकास के लिए कई तरह
संवाद सहयोगी, डुमरी (गिरिडीह): केंद्र और राज्य सरकार गांवों के विकास के लिए कई तरह की योजनाएं चल रही हैं, लेकिन विकास की किरणों ने अतकी पंचायत के बरमसिया गांव से मुंह ही मोड़ लिया है। घोर जंगलों व पठारों से घिरे बरमसिया के लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों के लिए वे वोटर से अधिक कुछ भी नहीं।
समस्याओं की ढेर पर बसा है गांव: बरमसिया गांव समस्याओं की ढेर पर बसा है। शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा, बिजली, रोजगार आदि ग्रामीणों के लिए दिवास्वप्न से अधिक कुछ नहीं। कई लोगों का राशनकार्ड नहीं बना है। गांव के 90 फीसद युवा काम की तलाश में दूसरे प्रदेशों में रहते हैं।
सड़क-बिजली सबका एक ही हाल: गांव में दो पारा शिक्षकों के भरोसे उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय रोहनटांड़ में पढ़ाई होती है। बिजली दिनभर में चार घंटे भी मिल जाए तो बहुत है। बरमसिया गांव तक पहुंचने वाले रास्तों की स्थिति बदतर है। गांव के बजरंगबली मंदिर से गट्टीगढ़हा तक दो किलोमीटर तक सड़क पर गड्ढों की भरमार है। कई लोगों का पेंशन स्वीकृत ही नहीं हुआ है। कारण पूछने पर लोगों ने बताया कि पंचायत सेवक पेंशन फार्म में हस्ताक्षर नहीं करता है। गांव तो ओडीएफ हो चुका है, लेकिन साठ प्रतिशत शौचालय अनुपयोगी हैं। ग्रामीणों ने कहा कि समस्याओं के कारण कोई भी इस गांव में अपनी बेटी ब्याहना नहीं चाहता है।
सड़क नहीं बनी तो गांव में घुसने नहीं देंगे किसी नेता को: गांव की मीना देवी, पूनम देवी, लखिया देवी, कौशल्या देवी, ललिता देवी, लखिया देवी, मालती देवी, सोनी देवी, नरेश कुमार, अशोक महतो, बिहारी महतो, सोहन महतो, रोहन महतो आदि का कहना है कि राज्य के प्रथम ऊर्जामंत्री लालचंद महतो, वर्तमान सांसद रवींद्र पांडेय एवं विधायक जगरनाथ महतो सभी चुनाव के समय गांव की समस्याओं के निवारण का आश्वासन देते हैं, लेकिन फिर अगले चुनाव तक उन्हें कुछ याद नहीं रहता। ग्रामीणों का कहना है यदि चुनाव पूर्व गांव की सड़क नहीं बनी तो किसी नेता को गांव में घुसने नहीं देंगे।
ग्रामीणों ने कहा:
जयश्री देवी ने बताया कि बरसात के दिनों में अगर किसी की तबीयत खराब हो गई तो उसे खटिया पर लेकर दो किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। तब जाकर वाहन से मरीज को अस्पताल ले जाया जाता है।
वार्ड सदस्या शांति देवी का कहना है कि सांसद व विधायक को कई बार रोड समस्या से अवगत करा चुकी हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ, इसलिए अब वे लोग किसी को वोट नही देंगे। किरण देवी का कहना है कि गांव में महीने में एक बार एएनएम आती हैं। लक्ष्मी देवी ने कहा कि मजबूरन डांड़ी का पानी पीना पड़ता है। गांव में तीन चापाकल तो हैं लेकिन सभी खराब हैं। इसकी सूचना बीडीओ को 20 दिन पहले दी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। मुखिया गुड़िया देवी का कहना है कि ग्राम पंचायत में मिलने वाली सभी योजनाएं गांव में धरातल पर उतारने का प्रयास होता है, पर सांसद, विधायक एवं प्रशासनिक अधिकारियों को भी सहयोग करना चाहिए।